सुप्रीम कोर्ट ने कायम रखा हाइकोर्ट का फैसला
शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप गलत प्रश्नों के मुद्दे को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जायेगा और समिति में कलकत्ता विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ भी होंगे.
प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर टेट में गलत प्रश्न पूछे जाने का मामला कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में गलत प्रश्न पूछे जाने के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप गलत प्रश्नों के मुद्दे को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जायेगा और समिति में कलकत्ता विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ भी होंगे. शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि अगर गलत प्रश्नों की जांच के लिए गठित विशेष समिति में कलकत्ता विश्वविद्यालय शामिल है, तो इससे राज्य को क्या समस्या है? हाइकोर्ट के अंतरिम आदेश पर राज्य सरकार को क्या आपत्ति है? शीर्ष अदालत की उस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ताओं ने मामला वापस लेने का फैसला किया. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 व 2022 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में गलत प्रश्न पूछे गये थे. इसे लेकर हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा पर्षद, कलकत्ता विश्वविद्यालय व विश्वभारती विश्वविद्यालय से एक-एक विशेषज्ञों को कमेटी में शामिल करने का आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने समिति में कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को शामिल करने पर आपत्ति जतायी थी और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. वर्ष 2017 में हुए टेट में 23 और 2022 की परीक्षा में 24 प्रश्न गलत होने के आरोप हैं.
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