Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 25,753 शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति को अवैध करार देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर 24 सितंबर को सुनवाई करेगा. पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है.
24 सितंबर को होगी सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह मंगलवार को कुछ अन्य मामलों की सुनवाई के कारण सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर पा रही है.प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम इसे 24 सितंबर के लिए सूचीबद्ध करेंगे.’ पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह 10 सितंबर को याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. उसने पक्षों को याचिकाओं पर उनके जवाब दाखिल करने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया था. उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल के फैसले के खिलाफ 33 याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है. एक याचिका पश्चिम बंगाल सरकार ने भी दाखिल की है.
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क्या है मामला
कलकत्ता हाइकोर्ट की एकल और खंडपीठ, दोनों ने ही पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की चयन प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दी और इसके जरिए हुई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया. इस निर्देश के कारण 25,753 शिक्षक व शिक्षाकर्मियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था.
हाईकोर्ट ने 12 फ़ीसदी सूद के साथ पैसे सरकार को लौटाने का दिया था निर्देश
हाइकोर्ट ने ये भी कहा था कि 2016 के नियुक्ति पैनल की मियाद ख़त्म होने के बाद जिन लोगों को नौकरी मिली उन्हें 12 फ़ीसदी सूद के साथ पैसे सरकार को लौटाने होंगे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले पर अंतरिम स्थगनादेश लगा दिया है, लेकिन मामले की सुनवाई जारी है. मंगलवार को मामले पर सुनवाई होने वाली थी, लेकिन अब तक यह 24 सितंबर को होगी.