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अभिक व विरुपाक्ष विश्वास को स्वास्थ्य विभाग ने किया सस्पेंड

अभिक व विरुपाक्ष विश्वास को स्वास्थ्य विभाग ने किया सस्पेंड

आरजी कर कांड. दोनों बताये जा रहे हैं डॉ संदीप घोष के करीबी कोलकाता. आरजी कर कांड में डॉ अभिक दे और विरुपाक्ष विश्वास सीबीआइ का अगला निशाना हो सकते हैं, क्योंकि अस्पताल की जूनियर महिला डॉक्टर की हत्या के बाद इन दोनों को यहां के सेमिनार रूम में देखा गया था. दोनों अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के करीबी बताये जाते हैं. एक वायरल वीडियो में इन दोनों को देखा भी गया है. हालांकि प्रभात खबर इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अब डॉ अभिक दे और विरुपाक्ष विश्वास को सस्पेंड कर दिया है. हालांकि इन्हें बर्खास्त किये जाने का कारण स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं बताया गया है. इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को दो अलग-अलग आदेश जारी किये गये. बता दें कि डॉ अभिक दे बर्दवान मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट विभाग में रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) हैं. इसके साथ ही वह एसएसकेएम (पीजी) में सर्विस कोटा पर मास्टर इन मेडिसिन (एमएस) के प्रथम वर्ष के पोस्ट ग्रेजुएट जूनियर (पीजीटी) हैं. इसी तरह, बर्दवान मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के सीनियर रेसिडेंट (एसआर) डॉ विरुपाक्ष विश्वास को भी सस्पेंड कर दिया गया है. बता दें कि इससे पहले डॉ विरुपाक्ष विश्वास को काकद्वीप सब-डिविजनल हॉस्पिटल में एसआर के पद पर तबादला किया गया था. माना जा रहा है कि अब आरजी कर की घटना के बाद विवाद के चलते इन दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, अभिक दे के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू होने की संभावना है. गौरतलब है कि अभिक और विरुपाक्ष पर नौ अगस्त को आरजी कर के सेमिनार हॉल में मौजूद रहने का आरोप था. विरुपाक्ष पर कोलकाता मेडिकल कॉलेज में एक मेडिकल स्टूडेंट को धमकाने का आरोप लगा था. वहीं, डॉ विरुपाक्ष विश्वास बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पैथोलॉजी विभाग में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर हैं. ऐसे में वह नौ तारीख को आरजी कर क्यों गये थे. मौके पर क्या कर रहे थे. ये सवाल उठ रहे हैं. वहीं, डॉ अभिक दे पीजी के पीजीटी हैं और राज्य चिकित्सा परिषद के सदस्य भी हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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