Suvendu Adhikari : शुभेंदु अधिकारी का दावा, आर जी कर की घटना से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने पेश किया विधेयक
Suvendu Adhikari : नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि विधेयक पारित होने के बाद इसे तत्काल लागू किया जाये. वहीं विधेयक में संशोधन के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया था.
Suvendu Adhikari : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या मामले में जनता के गुस्से और विरोध से ध्यान भटकाने के लिए नया दुष्कर्म रोधी विधेयक पेश किया है. विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम नये विधेयक का पूरा समर्थन करेंगे और इसे पारित कराये जाने के लिए वोटिंग की मांग नहीं करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि, राज्य सरकार अपने कार्यकाल के दौरान महिलाओं से दुष्कर्म और यौन शोषण की घटनाओं को रोकने में विफल रही है.
शुभेंदु अधिकारी ने विधेयक तुरंत लागू करने की भी मांग की
श्री अधिकारी ने विधेयक के पारित होने के बाद राज्य सरकार से इसे तुरंत लागू करने की भी मांग की. सदन में अपने संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में यौन शोषण और दुष्कर्म के संबंध में मीडिया की खबरों का हवाला दिया और आरोप लगाया कि इनमें से किसी भी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच नहीं संभाली, फिर भी राज्य की जांच एजेंसियां दोषियों को गिरफ्तार करने और उन्हें कड़ी सजा दिलाने में विफल रहीं.
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विधेयक में संशोधन के लिए शुभेंदु ने दिया प्रस्ताव
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि विधेयक पारित होने के बाद इसे तत्काल लागू किया जाये. वहीं विधेयक में संशोधन के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया था. इस संबंध में उन्होंने कहा कि, मैं मांग करता हूं कि मेरे द्वारा सुझाए गये संशोधनों, जिनमें शिकायत पर कार्रवाई करने में किसी भी विफलता के लिए संबंधित पुलिस थाने के खिलाफ कार्रवाई करना और जांच में विफल साबित होने पर संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मेरी सिफारिश को विधेयक में शामिल किया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने कहा कि अधिकारी द्वारा मीडिया की खबरों में पिछली घटनाओं का किया गया उल्लेख और मुख्यमंत्री से संबंधित भाजपा की अन्य मांग को सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया जायेगा.