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पश्चिम बंगाल : धर्मतला में 21 जुलाई के शहीदों के बलिदान की गाथा बताते दिखे तबीउल

पश्चिम बंगाल : तबीउल कहते हैं कि मै तृणमूल कांग्रेस पार्टी की नेत्री ममता बनर्जी के समाजहित के क्रिया कलाप से तहे जिल से प्रभावित हूं. मेरा मानना है कि पूरे देश में एकमात्र ममता बनर्जी ऐसी नेत्री हैं, जिनकी पार्टी शहीदों को इतना उचित सम्मान देती है.

मुख्य बातें

  • तृणमूल कांग्रेस के प्रतीक चिन्ह में रम कर हुगली के खानाकुल से धर्मतला पहुंचे थे तबीउल मंडल
  • उन्होंने कहा, दीदी इन शहीदों को दे रही उचित सम्मान, मैं इनमें प्रत्येक के बलिदान की स्मृति से लोगों को करा रहा रूबरू
  • तबीउल के नेतृत्व में 40 तृणमूल समर्थकों की टीम पूरे धर्मतला में तृणमूल समर्थकों को बता रहे शहीदों की गाथा

विकास कुमार गुप्ता, कोलकाता : प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी रविवार 21 जुलाई को धर्मतला के विक्टोरिया हाउस के पास तृणमूल कांग्रेस की ओर से शहीद दिवस के मौके पर शहीदों की याद में वृहद सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में शामिल होने के लिए राज्यभर से तृणमूल समर्थक बस एवं ट्रेनों में धर्मतला की तरफ रवाना होते दिखे. इन्हीं समर्थकों में शामिल होकर हुगली के खानाकुल से तृणमूल कार्यकर्ता तबीउल मंडल धर्मतला में पहुंचे. वह तृणमूल के प्रतीक चिन्ह की सजावट के साथ भव्य टोपी सिर पर पहने हुए थे. शरीर पर भी तृणमूल कांग्रेस के प्रतीक चिन्ह का पंजाबी में वह जॉय बांग्ला की धुनी में रमे दिखे. धर्मतला में सभा मंच के पास वह अन्य तृणमूल समर्थकों को उन 13 शहीदों के बलिदान की गाथा बताते दिखे, जिन्होंने 21 जुलाई को अपनी जान का बलिदान देकर अमर हुए थे.

एकमात्र ममता दीदी शहीदों को देती है उचित सम्मान

तबीउल कहते हैं कि मै तृणमूल कांग्रेस पार्टी की नेत्री ममता बनर्जी के समाजहित के क्रिया कलाप से तहे जिल से प्रभावित हूं. मेरा मानना है कि पूरे देश में एकमात्र ममता बनर्जी ऐसी नेत्री हैं, जिनकी पार्टी शहीदों को इतना उचित सम्मान देती है. इसके कारण मैने संकल्प लिया कि मै भी दीदी के सराहनीय कार्य में अपना योगदान दूं. इसके कारण मैने ममता बनर्जी के कार्य से प्रभावित होकर उन 13 शहीदों के बलिदान की गाथा को तृणमूल समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को बताने का फैसला लिया.

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13 शहीदों के नाम का पोस्टर सीने में लगाकर इनके बलिदान की गाथा बताते दिखे तबीउल

तबीउल ने कहा कि रविवार 21 जुलाई की सभा में आकर इन शहीदों ने अपने प्राण का कैसे बलिदान दिया. कैसे वे शहीद हुए, इस बारे में जानकारी देने के लिए उनके नेतृत्व में हुगली से 40 सदस्यों की तृममूल कार्यकर्ताओं की टीम रविवार को धर्मतला पहुंची थी. प्रत्येक सदस्यों के सीने में 13 शहीदों के नाम का पोस्टर लगा हुआ था. तबीउल ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने अपने नेत्री ममता बनर्जी को सिर के उपर टोपी में सर्वोपरि रखा. जिससे आगे भी इनके कार्यों से प्रभावित होकर अन्य तृणमूल कार्यकर्ता ममता बनर्जी के दिखाये मार्ग पर चलकर लोगों के हित में कार्य करते रहे. जिससे समाज का भला होता रहे. उन्होंने कहा कि यहां मंच पर तृणमूल नेत्री ममता बनर्जी की बातों को सुनकर उनका मैसेज लेकर धर्मतला से लौटकर हुगली में ममता के दिखाये मार्ग पर चलना ही उनकी टीम का प्रमुख काम होगा. जिससे समाज के लोगों को इसका लाभ मिल सके.

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