करीब ढाई घंटे तक पीड़िता के माता-पिता से की बातचीत बैरकपुर. आरजी कर मामले में पीड़िता के परिजनों को पुलिस की तरफ से पैसे की पेशकश की गयी थी, इस बात में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच का विषय है, लेकिन यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है. इस विषय में बात करने के लिए खुद सीबीआइ के अधिकारी पीड़िता के घर पहुंचे. शुक्रवार सुबह सीबीआइ के अधिकारी मृतका के घर पहुंचे और करीब ढाई घंटे तक उसके माता-पिता से बात की. आरजी कर के विरोध मंच पर दिये गये भाषण के बारे में अधिकारी पूरी तरह से जानना चाहते हैं. बता दें कि मृतका के माता-पिता का आरोप है कि घटना वाले दिन जब बच्ची का शव पड़ा था, तो पुलिस ने पैसे की पेशकश की थी. दूसरी बार आरजी कर मंच पर विरोध प्रदर्शन के दौरान, पीड़ित के पिता ने दावा किया कि डीसी नॉर्थ ने उन्हें पैसे की पेशकश की थी, लेकिन यह पहली बार नहीं है. पीड़िता के माता-पिता ने भी कई बार पत्रकारों से कहा कि पुलिस ने पैसे की पेशकश की थी. इससे पहले डॉ सुबर्णा गोस्वामी समेत कुछ डॉक्टरों ने पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात के बाद कहा था कि पुलिस पैसे देना चाहती था, लेकिन गुरुवार को मंत्री ब्रात्य बसु और शशि पांजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एक वीडियो दिखाया. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि उन्हें यह वीडियो पुलिस से मिला है (हालांकि प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता) और यहीं से विवाद शुरू हुआ. वीडियो में पीड़िता के माता-पिता साफ कह रहे हैं कि पुलिस की ओर से कोई पैसे की पेशकश नहीं की गयी. तो कौन सा कथन सही है. इस बात को लेकर विवाद तेज हो गया है.
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