तथागत ने सक्रिय राजनीति में लौटने के बयान पर सुर किये नरम, कहा – पार्टी नेतृत्व से बात कर ही लेंगे फैसला
Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) को तथागत राॅय (Tathagata Roy) की जगह मेघालय का नया राज्यपाल नियुक्त करने की घोषणा की है. श्री राॅय का 20 मई को ही राज्यपाल पद का कार्यकाल समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के मद्देनजर उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया गया था. राज्यपाल पद के दायित्व से मुक्त होने के बाद बंगाल की सक्रिय राजनीति में लौटने की घोषणा पर बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके श्री राॅय ने कहा कि इस संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत कर फैसला लेंगे. केंद्रीय नेतृत्व के सुझाव के अनुसार ही कदम उठायेंगे.
Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) को तथागत राॅय (Tathagata Roy) की जगह मेघालय का नया राज्यपाल नियुक्त करने की घोषणा की है. श्री राॅय का 20 मई को ही राज्यपाल पद का कार्यकाल समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के मद्देनजर उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया गया था.
श्री राॅय ने ट्वीट किया कि मैंने मेघालय के नये घोषित राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात की है. उनका शिलांग में स्वागत है. अस्वस्थता के कारण उनके मेघालय पहुंचने में विलंब हो सकता है. उनके कार्यभार संभालने के बाद वह पदमुक्त हो जायेंगे. राज्यपाल पद के दायित्व से मुक्त होने के बाद बंगाल की सक्रिय राजनीति में लौटने की घोषणा पर बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके श्री राॅय ने कहा कि इस संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत कर फैसला लेंगे. केंद्रीय नेतृत्व के सुझाव के अनुसार ही कदम उठायेंगे.
श्री रॉय ने शिलांग से फिलहाल वह कोलकाता जायेंगे, क्योंकि कोलकाता में ही उनका घर है. वह अपने घर में ही रहेंगे. उल्लेखनीय है कि इसके पहले श्री राॅय ने बंगाल की सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा जतायी थी.
दूसरी ओर, श्री राॅय ने शांति निकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ की घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि वामपंथियों ने बंगाल में तोड़फोड़ की राजनीति शुरू की थी और अब यह पश्चिम बंगाल का राजनीतिक मुहावरा बन गया है.
उन्होंने कहा कि टैगोर की कर्मभूमि इसका उदाहरण है. तोड़फोड़ का नेतृत्व खुद तृणमूल कांग्रेस के विधायक ने किया था. ऐसे बंगाल में कैसे कोई निवेश करने आ सकता है? कैसे संस्कृति बची रह सकती है?
Posted By : Samir Ranjan.