अदालत में माणिक भट्टाचार्य व न्यायाधीश के बीच हुई तीखी बहस
प्रारंभिक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट में सोमवार को चार्ज गठन किया गया. इस दौरान प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को अदालत में लाया गया था. इस दिन विशेष इडी अदालत के जज शुभेंदु साहा ने बताया कि वह किस तरह की साजिश में शामिल हैं, उनकी जेब में कितने पैसे गये हैं.
कोलकाता.
प्रारंभिक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट में सोमवार को चार्ज गठन किया गया. इस दौरान प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को अदालत में लाया गया था. इस दिन विशेष इडी अदालत के जज शुभेंदु साहा ने बताया कि वह किस तरह की साजिश में शामिल हैं, उनकी जेब में कितने पैसे गये हैं. इस पर जज ने कहा, आपने प्राथमिक बोर्ड के प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों से करोड़ों रुपये बटोरे हैं. आप आरोपियों में से एक हैं. आपने दूसरों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा है. माणिक को सामने रखते हुए जज ने आगे कहा, ””आपने प्राथमिक बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया है. तापस मंडल से जुड़े होने के कारण उसने मोटी रकम के बदले अवैध तरीके से नौकरियां दीं. कोविड के समय में ऑनलाइन क्लास के नाम पर पैसे लिये गये. पैसा आपके बेटे की कंपनी को गया. आपकी पत्नी के खाते में बड़ी रकम गयी है. सुजय कृष्ण भद्र प्रतिदिन आपसे मोबाइल पर संपर्क में रहते थे. वह नौकरी चाहने वालों के नामों की सूची दे चुके हैं. आपने धन शोधन के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. जज ने फिर पूछा, आप दोषी हैं या नहीं? जवाब में माणिक भट्टाचार्य ने कहा- मैं दोष तभी स्वीकार करूंगा, जब मुझे केस से छूट के लिए आवेदन की ऑर्डर कॉपी मिल जायेगी. तब न्यायाधीश ने फिर पूछा, “आप दोष स्वीकार करेंगे या नहीं? माणिक ने जवाब दिया, सर मेरा बयान दर्ज होने दीजिए. यह सुनकर न्यायाधीश ने कहा- मैं मानता हूं कि आपने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है. इस स्तर पर कोई और कार्रवाई नहीं की जा सकती. माणिक ने फिर पूछा, क्या मैं कुछ नहीं कह सकता? जज इसलिए नाराज हो गये, क्योंकि उन्होंने जज के सवालों का जवाब दिये बिना ही जवाबी सवाल पूछ लिए. उन्होंने कहा- मुझे मजबूर न करें कि मैं आपको कक्ष के बाहर भेज दूं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है