कल्याणी विवि शिक्षक संघ का आंदोलन आज से
उनका कहना है कि विश्वविद्यालय के सामान्य शिक्षकों और बाद में विश्वविद्यालय के अधिकांश प्रोफेसरों ने शिक्षक संघ की पहल पर इन समस्याओं का निदान करने की मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया.
कोलकाता. कल्याणी यूनिवर्सिटी में लंबे समय से गतिरोध चल रहा है और इसकी शुरुआत राज्यपाल द्वारा कुलपति की नियुक्ति से हुई है. इस दौरान यूनिवर्सिटी में एनएएसी का मूल्यांकन नहीं होना, एनआईआरएफ रैंक में यूनिवर्सिटी का निचले स्तर पर चले जाना, टीचिंग स्टाफ की भर्ती नहीं होना, महत्वपूर्ण विभागों में अस्थायी कर्मचारी, उनके देय वेतन में वृद्धि नहीं होना और लंबे समय से लंबित शिक्षकों की पदोन्नति नहीं होना शामिल है. इसी के कारण शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं. कल्याणी विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के सचिव प्रवीर प्रमाणिक ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि विश्वविद्यालय के संकायों के प्राचार्यों की नियुक्ति न होना, विश्वविद्यालय में कोर्ट, ईसी की बैठक न होना, विश्वविद्यालय परिसर में लंबे समय से लोकतांत्रिक माहौल न होना, शिक्षकों एवं शिक्षण स्टाफ को सहकारी चुनावों में नामांकन देने की अनुमति न होने जैसी समस्याएं काफी समय से चल रही हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में बाहरी लोगों की खुली आवाजाही, प्रशासनिक क्वार्टरों और विश्वविद्यालय परिसर में भय के माहौल से शिक्षक काफी तनाव में हैं और असंतुष्ट हैं. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय के सामान्य शिक्षकों और बाद में विश्वविद्यालय के अधिकांश प्रोफेसरों ने शिक्षक संघ की पहल पर इन समस्याओं का निदान करने की मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया.
इसी बीच सत्ताधारी दल के कुछ शिक्षाकर्मियों और छात्रों ने कुलपति चेंबर पर ताला जड़ दिया और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया. सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों की ओर से कुलपति और रजिस्ट्रार को लगातार धमकियां मिलती रहीं, जिसके परिणामस्वरूप प्राचार्य की नियुक्ति की अधिसूचना ही नहीं निकली. अभी स्थिति यह है कि पूरी अव्यवस्था बनी हुई है. कोई कदम नहीं उठाये जाने के विरोध में शिक्षक संघ की कार्यसमिति ने 3 और 4 अक्तूबर को फिर से हड़ताल जारी रखने की घोषणा कर दी है.
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