26 हजार नियुक्तियां रद्द होने के मामले में 100 से अधिक आवेदन और हुए जमा
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से राज्य के स्कूलों में शिक्षक व गैर-शिक्षक पदों पर हुई 26 हजार नियुक्तियों के रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 100 से अधिक नये आवेदन जमा किये गये हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए ये याचिकाएं दायर की गयी हैं.
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से राज्य के स्कूलों में शिक्षक व गैर-शिक्षक पदों पर हुई 26 हजार नियुक्तियों के रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 100 से अधिक नये आवेदन जमा किये गये हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए ये याचिकाएं दायर की गयी हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सात जनवरी को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना व न्यायाधीश संजय कुमार की खंडपीठ पर मामले की सुनवाई होनी है. इससे पहले, मामले में शामिल होने के लिए 100 से अधिक आवेदन जमा किये गये हैं. हालांकि, इन मामलों पर अलग से सुनवाई की संभावना कम है. शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश इन मामलों को मुख्य मामले के साथ जोड़ सकते हैं.गौरतलब है कि इससे पहले, मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा था कि शीर्ष अदालत मामले को लेकर कोई बेवजह जटिलता नहीं बढ़ाते हुए सिर्फ दो विषयों पर विचार करेंगे. प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द किया जायेगा या सिर्फ जिन लोगों की अवैध रूप से नियुक्ति की गयी हैं, उन्हें बर्खास्त किया जायेगा. अदालत मुख्य रूप से इन दो विषयों पर चर्चा करेगी और उन्होंने एसएससी को यह आंकड़ा स्पष्ट करते हुए हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि कोर्ट पहले ही कह चुका है कि जिन शिक्षकों की नियुक्तियां गैरकानूनी पायी जायेंगी, उनका वेतन लौटाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा. गौरतलब है कि करीब 25 हजार शिक्षकों और स्कूलकर्मियों की नौकरी को रद्द करने के कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने याचिका दायर की है. 2016 की इन नियुक्तियों को करप्शन के चलते कलकत्ता कोर्ट ने रद्द किया. इसके साथ कहा था कि इन शिक्षकों को तनख्वाह ब्याज समेत लौटानी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है