सड़क हादसे में घायल हो गया था बच्चा, अस्पताल में हो गयी मौत
कोलकाता. दक्षिण दिनाजपुर के एक सरकारी अस्पताल में जान गंवाने वाले 10 वर्षीय बच्चे के परिवार ने दो लाख रुपये का मुआवजा लेने से इनकार करते हुए राज्य सरकार के इस दावे को खारिज किया कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के कारण बच्चे की मौत हुई है. कक्षा तीन में पढ़ने वाला छात्र शिवम शर्मा सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था, जिसके बाद उसे बालुरघाट अस्पताल ले जाया गया. उसके परिवार ने आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ चिकित्सक की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गयी, जिसने ड्यूटी पर होने के बावजूद उसे देखने में देरी की. शिवम के चाचा आनंद शर्मा ने कहा कि इस अस्पताल में कोई जूनियर डॉक्टर नहीं है.
उसकी मौत आरजी कर अस्पताल की घटना के तीन दिन बाद 12 अगस्त को हुई, जब जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन शुरुआती चरण में था. इसलिए यह दावा गलत है कि जूनियर डॉक्टरों के काम पर नहीं होने के कारण उसकी मौत हुई. श्री शर्मा ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ चिकित्सक ने ड्यूटी पर होने के बावजूद शिवम को समय पर नहीं देखा, जिससे उसकी मौत हो गयी. राज्य सरकार की ओर से मुआवजे की पेशकश को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हम दोषी के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, न कि मुआवजा. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य सरकार जूनियर डॉक्टरों के काम पर न होने के कारण कथित तौर पर इलाज नहीं मिलने से मरने वाले 29 लोगों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देगी.
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