राज्य सरकार पर असहयोग का आरोप हाइकोर्ट ने गृह सचिव को किया तलब
आरोप. चिटफंड के शिकार लोगों को मुआवजा देने के लिए बनी कमेटी के संचालन में सरकार कर रही अनदेखी
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आरोप. चिटफंड के शिकार लोगों को मुआवजा देने के लिए बनी कमेटी के संचालन में सरकार कर रही अनदेखी कोलकाता. चिटफंड कंपनियों द्वारा प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति देने के लिए रिटायर्ड न्यायाधीश को लेकर बनी कमेटी के संचालन में राज्य सरकार के असहयोग पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. कारण बताने के लिए अदालत ने गृह सचिव को तलब किया है. अधिवक्ता अरिंदम दास ने बताया कि राज्य सरकार को कमेटी के संचालन के लिए संरचना विकास, शून्य पदों पर नियुक्ति सहित अन्य आवेदन करने के बाद भी अबतक राज्य की ओर से इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. न्यायाधीश जयमाल्य बागची की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि आगामी गुरुवार को गृह सचिव को अदालत में आकर बताना होगा कि राज्य सरकार के असहयोग का कारण क्या है. न्यायाधीश ने कहा कि कमेटी में जो शून्य पद हैं, उन्हें भरा नहीं जा रहा है. वहां पर जो भी कर्मी व अधिकारी हैं, अब वे रिटायर्ड के कगार पर हैं. उनकी मियाद बढ़ाने को लेकर भी कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. जो नये चेयरमैन आये हैं, उनके पारिश्रमिक के लिए भी सरकार ने कोई अनुमोदन नहीं दिया है. पहले के चेयरमैन का वेतन भी बकाया है. न्यायाधीश ने कहा कि राज्य सरकार के आश्वासन पर ही अदालत ने कमेटी का गठन किया था. कमेटी के संचालन का जिम्मा राज्य सरकार का है. पहले से जानकारी होने के बाद भी राज्य के एडवोकेट जनरल अदालत में मौजूद नहीं हुए. इस पर हाइकोर्ट ने असंतोष जताया.
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