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आरजी कर में तैनात सीआइएसएफ जवानों का सहयोग नहीं कर रही राज्य सरकार

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी, मामले की सुनवाई कल

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी, मामले की सुनवाई कल कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपना आवेदन दाखिल कर दिया. गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. कहा कि बंगाल सरकार का रवैया असहयोग भरा है. इससे सीआइएसएफ के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि बंगाल सरकार आरजी कर में सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ को आवश्यक सामान मुहैया करने में असहयोग कर रही है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) को कोलकाता के इस अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है, जहां पिछले महीने एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. तृणमूल सरकार के कथित असहयोग को ‘व्यवस्थागत खामी का लक्षण’ बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को सीआइएसएफ का पूर्ण सहयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. न्यायालय ने अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को 20 अगस्त को भयावह करार दिया था तथा चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के वास्ते 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) के गठन सहित कई निर्देश दिये थे. इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने अस्पताल में भीड़, हिंसा और कोलकाता पुलिस के मौके से भाग जाने के आरोप को गंभीरता से लिया था. न्यायालय ने हड़ताली चिकित्सकों के काम पर लौटने को सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल में सीआइएसएफ कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया था. राज्य सरकार के खिलाफ हो अवमानना की कार्रवाई: गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से सीआइएसएफ के लिए व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती, तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई हो. इस मामले में अब पांच सितंबर को सुनवाई होगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि आरजी कर हॉस्पिटल में तैनात सीआइएसएफ के 97 लोगों में से 54 महिलाएं हैं. उनके लिए भी उचित व्यवस्था नहीं की गयी है. सीआइएसएफ को जगह न मिलने के चलते अपने सुरक्षा उपकरणों को भी सही तरीके से रखने में समस्या आ रही है. अस्पताल पहुंचने में जवानों को लगता है एक घंटा से अधिक समय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आवेदन में कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक हॉस्पिटल की सुरक्षा सीआइएसएफ ने संभाल ली है. लेकिन वहां सीआइएसएफ जवानों के ठहरने का इंतजाम नहीं किया गया. जवानों को हर दिन लगभग एक घंटे का सफर कर वहां पहुंचना पड़ता है. इस वजह से किसी आपात स्थिति में अतिरिक्त फोर्स उपलब्ध कराना भी संभव नहीं हो पायेगा.

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