भारतीय सीमा के एक हिस्से पर बांग्लादेश के कब्जे की बात झूठी

बीएसएफ का कहना है कि बांग्लादेश की मीडिया में सात जनवरी को प्रकाशित वह लेख, जिसमें बीजीबी द्वारा झेनइदाह के मटिला गांव में पांच किलोमीटर सीमा क्षेत्र पर पुनः कब्जा करने के बारे में बताया गया है, यह पूरी तरह से निराधार, गैर-जिम्मेदाराना और किसी भी सत्य और तथ्य से रहित है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2025 1:29 AM

बांग्लादेशी मीडिया में प्रसारित खबर का बीएसएफ ने किया खंडन

संवाददाता, कोलकाता

बीएसएफ का कहना है कि बांग्लादेश की मीडिया में सात जनवरी को प्रकाशित वह लेख, जिसमें बीजीबी द्वारा झेनइदाह के मटिला गांव में पांच किलोमीटर सीमा क्षेत्र पर पुनः कब्जा करने के बारे में बताया गया है, यह पूरी तरह से निराधार, गैर-जिम्मेदाराना और किसी भी सत्य और तथ्य से रहित है. इंगित क्षेत्र भारत के उत्तर 24 परगना जिले के बगदाह ब्लॉक में राणघाट गांव का है, जहां अंतरराष्ट्रीय सीमा कोडालिया नदी के साथ-साथ चलती है और नदी के किनारे होने के कारण सीमा के दोनों ओर संदर्भ स्तंभों द्वारा सीमा अच्छी तरह से सीमांकित है. सीमा की जमीनी स्थिति या बीएसएफ के ड्यूटी पैटर्न में वर्षो से कोई बदलाव नहीं हुआ है.

बीएसएफ और बीजीबी दोनों ही कोडालिया नदी के अपने हिस्से पर ड्यूटी करते हैं और नदी के मध्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा है. यह क्षेत्र बिना बाड़ के है और बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में तस्करी और सीमा पार से घुसपैठ का खतरा बना रहता है. बीएसएफ ने इस क्षेत्र से सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए कई कदम उठाये हैं जिसके चलते अब इस क्षेत्र से घुसपैठ की कोशिशें नगण्य हो गयी है. वास्तविक जमीनी स्थिति बरकरार है और भारत-बांग्लादेश सीमा दिशानिर्देश 1975 की समझ के अनुसार दोनों सीमा सुरक्षा बलों द्वारा शांतिपूर्ण नियंत्रण में है.

बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की अखंडता को बनाये रखते हुए ईमानदारी और निष्ठा के साथ सीमा की रक्षा कर रहा है. लेख में दावा किया गया है कि 19 दिसंबर 2024 को बीजीबी कर्मियों ने नदी पर नियंत्रण पाने के लिए मोटर चालित नावों और एटीवी का उपयोग करके 24 घंटे गश्त शुरू कर दी थी, यह एक मनगढ़ंत कहानी के अलावा और कुछ नहीं है. 58 बीजीबी के नवनियुक्त कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल रफीक इस्लाम द्वारा किए गये झूठे और मनगढ़ंत दावों का दृढ़ता से खंडन किया जाता है.

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