घुसपैठियों पर लगाम कसने के लिए ग्रामीणों ने भी कसी कमर

भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे कई क्षेत्रों में स्थानीय लोगों ने निजी स्तर पर सीसीटीवी लगाने का उठाया बीड़ा

By Prabhat Khabar News Desk | December 29, 2024 9:04 PM

भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे कई क्षेत्रों में स्थानीय लोगों ने निजी स्तर पर सीसीटीवी लगाने का उठाया बीड़ा अमित शर्मा, कोलकाता बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हिंसा का दौर जारी है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ की घटनाएं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए अहम खतरा बनकर उभरी हैं. पड़ोसी देश के हालात का फायदा आतंकी व आपराधिक लोगों द्वारा उठाने की आशंका है. हाल ही में असम पुलिस द्वारा दो आतंकवादियों को मुर्शिदाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया था. ऐसे में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अलर्ट मोड में है. सीमावर्ती इलाकों में बल के जवानों की संख्या भी बढ़ायी गयी है. वहीं एक नयी बात सामने आयी है. वह यह है कि अब सीमावर्ती गांवों के निवासियों ने भी घुसपैठियों पर लगाम कसने के लिए कमर कस ली है. भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना व नदिया स्थित करीब 50 से ज्यादा गांवों के लोगों ने निजी स्तर पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का बीड़ा उठाया है. इतना ही नहीं रात में स्थानीय स्तर पर भी टहलदारी व गश्त लगाने का काम भी शुरू किया गया है, जो सीमावर्ती क्षेत्र में एक नयी और अहम बात है. ऐसे गांव के लोगोें का कहना है कि बात जब देश की सुरक्षा की हो, तो वे भी बीएसएफ के कार्यों में पूरी मदद करना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने उपरोक्त पहल की है. बड़े क्षेत्र में कंटीले बाड़ नहीं, निगरानी में दिक्कत : भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा करीब 4,096.7 किलोमीटर लंबी है. पश्चिम बंगाल में यह सीमा करीब 2,216.7 किलोमीटर लंबी है, जबकि त्रिपुरा यह अंतरराष्ट्रीय सीमा 856 किलोमीटर, मेघालय में 443 किलोमीटर, असम में 262 किलोमीटर और मिजोरम में 318 किलोमीटर तक फैली हुई है. भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा का करीब 936.41 किलोमीटर हिस्सा बीएसएफ के उत्तर बंगाल फ्रंटियर के अधिकार क्षेत्र में है, जो दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार समेत पश्चिम बंगाल के पांच जिलों तक फैली हुई है. भौगोलिक कारणों के कारण दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत आने वाले भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा दुनिया के पांच प्रमुख खतरनाक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में से एक माना जाता है. दक्षिण बंगाल सीमांत, बीएसएफ की जिम्मेवारी के इलाके में पांच सीमावर्ती जिले पड़ते हैं, जिनमें उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद व मालदा शामिल हैं, जो बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हैं. इस अंतरराष्ट्रीय सीमा की लंबाई करीब 913.32 किलोमीटर है, जिसमें थल सीमा 549.39 किलोमीटर और नदी सीमा 363.93 किलोमीटर है. यहां करीब 405.39 क्षेत्रों में ही कंटीले बाड़ लगे हैं. यानी एक बड़े क्षेत्र में कंटीले बाड़ नहीं हैं. यानी यहां निगरानी आसान नहीं है. वृहद इलाका और भौगोलिक दशा के कारण भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा तस्करों व घुसपैठियों का पसंदीदा मार्ग भी माना जाता है और तस्करी को अंजाम देने के लिए तस्कर अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, बीएसएफ उनके मंसूबों को विफल करने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. इन क्षेत्रों में की गयी पहल सूत्रों के अनुसार, उत्तर 24 परगना के पेट्रापोल, भेविआ, हतातगंज, पंचपोता, मेदिया, हकीमपुर, नदिया के तेहट्ट,मटियारी, पुट्टीखली व नातना, मुर्शिदाबाद के धुलियान, लीचूतला, मालदा के शहबाजपुर, दक्षिण 24 परगना के सुंदरवन के कुछ क्षेत्रों में ऐसी पहल गयी है. इनमें पेट्रापोल स्थित सीमावर्ती क्षेत्र में 10 से ज्यादा गांवों में करीब 50 सीसीटीवी कैमरे लगाने कार्य शुरू किया गया है. 2139 घुसपैठिए पकड़े गये इस वर्ष 29 दिसंबर तक बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत आने वाले इलाकों से 1,742 घुसपैठियों को पकड़ा गया, जिनमें 1,301 बांग्लादेशी नागरिक और 441 भारतीय नागरिक थे. उनमें 39 घुसपैठ में मदद करने वाले दलाल भी शामिल हैं. इधर, उक्त अंतराल में बीएसएफ, उत्तर बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत आने वाले इलाकों से करीब 397 घुसपैठियों को पकड़ा गया, जिनमें 194 बांग्लादेशी नागरिक, 197 भारतीय, तीन रोहिंग्या और तीन दूसरे देश के नागरिक हैं. इस वर्ष उत्तर बंगाल फ्रंटियर क्षेत्र में गिरफ्तार किये गये घुसपैठियों की संख्या पिछली वर्ष की तुलना में ज्यादा है. 2023 में उक्त क्षेत्र से करीब 300 घुसपैठियों को पकड़ा गया था. , जिनमें 127 बांग्लादेशी नागरिक व 173 भारतीय थे.

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