बोले अश्विनी वैष्णव : राज्य सरकार के असहयोग से बंगाल में 61 परियोजनाओं का काम अधर में
श्रीकांत शर्मा, कोलकातामेट्रो रेलवे, कोलकाता के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन साधन है. लेकिन 1972 में जबसे कोलकाता में इसका शिलान्यास हुआ, उसके बाद 40 वर्षों में यानी 2014 तक मात्र 28 किलोमीटर ही इसका निर्माण हो सका. लेकिन 2014 में जबसे नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, तब से अबतक यानी 2024 तक सिर्फ 10 वर्षों में कोलकाता में मेट्रो रेलवे की 38 किलोमीटर नयी रेल लाइन तैयार हुई है. यानी कोलकाता मेट्रो रेलवे में जो काम 40 वर्षों में हुआ, उसे हमने 10 वर्षों में कर दिखाया. उक्त बातें रेल, सूचना व प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहीं. उन्होंने कहा : यह है पीएम मोदी के काम करने का तरीका. 10 वर्षों में उन्होंने देश में ऐसी कार्य संस्कृति को विकसित किया है. यह कार्य दर्शाता है कि उनमें बंगाल की मिट्टी के प्रति कितना समर्पण है. रेलमंत्री ने कहा कि कुछ लोग केवल भाषण देते हैं, लेकिन पीएम मोदी काम करके दिखाते हैं. वह जो सपने देखते हैं, उन्हें जमीन पर उतार कर दिखाते हैं, क्योंकि उन्होंने राष्ट्र की सेवा का संकल्प लिया है, इसलिए पीएम ने बंगाल में रेलवे के विकास के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम किया. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट में 13,941 करोड़ रुपये आवंटित किया. वर्तमान में पश्चिम बंगाल में रेलवे की 60,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं.राज्य सरकार पर लगाया असहयोग का आरोप
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे को भूमि सौंपने से संबंधित मुद्दों के कारण राज्य में वर्तमान में 61 परियोजनाएं लंबित हैं. मेट्रो रेल परियोजनाओं को लेकर भी जमीन मुद्दा बना हुआ है, जहां भूमि संबंधी मुद्दों के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. रेल मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तृणमूल कांग्रेस की सरकार को राजनीति से ऊपर उठने की आवश्यकता है. चुनाव हो गया. अब उसे पश्चिम बंगाल की जनता के साथ न्याय करना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है