संदीप घोष के कार्यकाल में नियुक्ति में हुई धांधली: सीबीआइ
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने आरजी कर अस्पताल में नियुक्ति व वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले की जांच रिपोर्ट कलकत्ता हाइकोर्ट को सौंप दी है.
एमबीबीएस में दाखिला का मामला संवाददाता, कोलकाता केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने आरजी कर अस्पताल में नियुक्ति व वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले की जांच रिपोर्ट कलकत्ता हाइकोर्ट को सौंप दी है. मंगलवार को सीबीआइ ने हाइकोर्ट में रिपोर्ट जमा कर चौंकाने वाले दावे किये. सीबीआइ ने रिपोर्ट में कहा है कि अस्पताल में संदीप घोष के प्रिंसिपल पद पर रहने के दौरान एमबीबीएस चयन से लेकर हाउस स्टाफ की नियुक्ति तक में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआइ को यह जानकारी विभिन्न फोन कॉल और एसएमएस के रिकॉर्ड को खंगालने से मिली है. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अस्पताल में 2021 से अब तक हुई नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. गौरतलब है कि अस्पताल के पूर्व सह अधीक्षक अख्तर अली ने हाइकोर्ट में मामला दायर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की थी. इसके बाद हाइकोर्ट ने मामले में सीबीआइ जांच के आदेश दिये. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021 के बाद से आरजी कर अस्पताल में एमबीबीएस के लिए चयन प्रक्रियाओं के कई मामलों में भ्रष्टाचार हुआ है. इसके सबूत के तौर पर जांच एजेंसी ने कई कॉल रिकॉर्ड और मैसेज रिकॉर्ड हाइकोर्ट को सौंपे हैं. हाउस स्टाफ की नियुक्ति में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. अस्पताल के बिजली बिल से लेकर कामकाजी बिलिंग तक कई मामलों में भ्रष्टाचार हुआ है. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिस काम का बिल 10,000 रुपये होना चाहिए, वहां एक लाख रुपये का बिल बनाने का मामला सामने आया है. ऐसा कई बिलाें के साथ किया गया है. यह सभी जानकारी कोर्ट को दी गयी है. गौरतलब है कि सीबीआइ संदीप घोष को गिरफ्तार कर चुकी है. आरजी कर अस्पताल की प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में संदीप घोष पर साक्ष्य नष्ट करने के आरोप लग चुके हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है