सुंदरवन के रास्ते भी बांग्लादेशी कर सकते हैं घुसपैठ, बढ़ायी गयी निगरानी

पश्चिम बंगाल के सुंदरवन का एक विस्तृत क्षेत्र भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा है. यहां दलदली व नदी वाले क्षेत्रों में बाड़ लगाना संभव नहीं हो पाया है. ऐसे में सुंदरवन के रास्ते भी बांग्लादेशी भारत में घुसपैठ करने की फिराक में हैं. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और बढ़ायी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2024 11:07 PM

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल के सुंदरवन का एक विस्तृत क्षेत्र भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा है. यहां दलदली व नदी वाले क्षेत्रों में बाड़ लगाना संभव नहीं हो पाया है. ऐसे में सुंदरवन के रास्ते भी बांग्लादेशी भारत में घुसपैठ करने की फिराक में हैं. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और बढ़ायी गयी है. हालांकि. घुसपैठियों के मंसूबे को नाकाम करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. सूत्रों की माने, तो केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल के सुंदरवन क्षेत्र में कुछ दूरदराज के द्वीपों की पहचान की है, जिसका प्रयोग भारतीय सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में करते हैं.दक्षिण 24 परगना के गोसाबा ब्लॉक में सुंदरवन के 13 सबसे अधिक संवेदनशील द्वीपों की पहचान की गयी है. इन द्वीपों के एक बड़े हिस्से में बाड़ लगाना संभव नहीं हो पाया है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएफ का शिविर इन 13 द्वीपों में से केवल एक पर है, जिसका उपयोग अक्सर मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में जाने वाले जिले के मछुआरों द्वारा अस्थायी आश्रय के रूप में किया जाता है. यही कारण है कि ये द्वीप अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए पसंदीदा सुरक्षित आश्रय स्थल बन गये हैं.

बांग्लादेशी घुसपैठिये पहले स्थानीय मछुआरों के रूप में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश में रहते हैं. बीते कुछ महीनों में पकड़े जाने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच में पता चला है कि इन द्वीपों में कुछ समय के लिए शरण लेने के बाद उनकी कोशिश नकली भारतीय दस्तावेज प्राप्त करने की रही. कुछ घुसपैठियों की गिरफ्तारी के बाद यह भी पता चला है कि उन्होंने दलालों की मदद से अवैध भारतीय दस्तावेज भी बनवा लिए थे. इसके बाद उसी दस्तावेजों के आधार पर असली भारतीय दस्तावेज भी बनाये. उक्त मामले की छानबीन संबंधित पुलिस व जांच एजेंसियों द्वारा जारी है. सूत्रों के अनुसार, दक्षिण 24 परगना का बासंती एक्सप्रेसवे के माध्यम से कोलकाता तक उनकी आसान और त्वरित पहुंच भी इन द्वीपों को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए पसंदीदा और सुरक्षित बनाता है.

केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां बरत रहीं सतर्कता

पहले से ही केंद्र और राज्य दोनों सुरक्षा एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आइएमबीएल) पर निगरानी और बढ़ा दी है, जिससे बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से सीमा पार करने की आशंका है. इसमें भूमिगत संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं, जो उस देश में चल रहे संकट के बीच फिर से सक्रिय हो गये हैं. सूत्रों के मुताबिक, निगरानी और बढ़ाने का निर्णय इस महीने दो बांग्लादेशी समुद्री जहाजों को आइएमबीएल पार करने और अवैध रूप से भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने के बाद लिया गया है.

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