हिंसा का विरोध नहीं करने वाले होते हैं कायर : दिलीप घोष

बंगाल प्रदेश भाजपा (Bengal State BJP) के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip ghosh) ने ‘बदला भी होगा, बदलाव भी होगा’ नारे पर कायम रहते हुए कहा कि हिंसा का विरोध नहीं करने वाले कायर कहे जाते हैं. जो जिस भाषा में बात करता है. उसे उसी भाषा में जवाब देना संसार का नियम है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2020 6:33 PM

कोलकाता : बंगाल प्रदेश भाजपा (Bengal State BJP) के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip ghosh) ने ‘बदला भी होगा, बदलाव भी होगा’ नारे पर कायम रहते हुए कहा कि हिंसा का विरोध नहीं करने वाले कायर कहे जाते हैं. जो जिस भाषा में बात करता है. उसे उसी भाषा में जवाब देना संसार का नियम है. श्री घोष रविवार (21 जून, 2020) को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर इको पार्क में योगाभ्यास के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही.

श्री घोष ने कहा कि हिंसा की बात कौन कर रहा है? लेकिन यदि कोई हिंसा करे, तो क्या मंत्रजाप करेंगे. हिंसा का विरोध नहीं करने वालों को कायर कहा जाता है. उन्होंने सवाल किया कि भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध क्यों किया? वह क्यों नहीं पंडाल बना कर जप करने लगे या राम नाम जप करने लगे. जो कायर हैं, वह क्षमा की बात करते हैं. चीन के साथ हिंसा ही हुआ है. यदि हम चीन को बोलें हिंदी-चीनी भाई-भाई, तो चीन का मन और बढ़ जायेगा. जो जिस भाषा को समझता है, उसी भाषा में बोलना संसार का नियम है, जो नहीं कर पाता है. वह विलुप्त हो जाता है.

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उल्लेखनीय है कि श्री घोष के नारे के बाद विरोधी दलों ने काफी आलोचना की है. पार्टी के अंदर भी कुछ नेताओं में इस नारे को लेकर असहमति है. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव के पूर्व तृणमूल कांग्रेस ने वाममोर्चा के 34 वर्षों के शासन के खिलाफ ‘बदला नहीं, बदलाव चाहिए’ का नारा दिया था. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने उससे एक कदम आगे बढ़ कर नारा दिया है ‘बदला भी होगा और बदलाव भी होगा.’

श्री घोष ने कहा कि योग प्राचीन काल से भारत में चला आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने योग को विश्वव्यापी स्वीकृति दिलायी है. योग से मन, बुद्धि, चित स्थिर रहता है और शारीरिक रूप से भी लोग स्वस्थ रहते हैं. कोरोना काल में एक साथ बहुत लोगों के साथ योग नहीं किया जा सकता है. इस कारण कुछ लोगों के साथ मिल कर योगाभ्यास किया.

Posted By : Samir ranjan.

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