जूट मिलों में भी चल रहा थ्रेट कल्चर : गार्गी चटर्जी
बंद जूट मिलों को खोलने और त्रिपक्षीय समझौते को तुरंत लागू करने जैसीअन्य कई मांगों को लेकर 21 श्रमिक संगठनों द्वारा 26 दिसंबर से धरना-प्रदर्शन चल रहा है
संवाददाता, बैरकपुर
बंद जूट मिलों को खोलने और त्रिपक्षीय समझौते को तुरंत लागू करने जैसीअन्य कई मांगों को लेकर 21 श्रमिक संगठनों द्वारा 26 दिसंबर से धरना-प्रदर्शन चल रहा है. यह सिलसिला दो जनवरी तक प्रत्येक जूट मिल के सामने चलने वाला है. इसी क्रम में शनिवार को भाटपाड़ा की रिलायंस जूट मिल के सामने सीटू की उत्तर 24 परगना जिला सचिव गार्गी चटर्जी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया.
इस मौके पर श्रीमती चटर्जी ने कहा कि जूट मिलों में भी थ्रेट कल्चर का प्रभाव दिख रहा है. सत्ताधारी दल की श्रमिक यूनियन आइएनटीटीयूसी के लोग मालिकों के साथ मिल कर थ्रेट कल्चर को आगे बढ़ा रहे हैं. जो श्रमिक अपने बकाये के लिए आवाज उठा रहे हैं, उन्हें गेट से बाहर कर दिया जा रहा है. उन्होंने अपनी मांग में कहा कि बंद जूट मिलों को अविलंब खोलना होगा. जल्द से जल्द त्रिपक्षीय समझौते को भी लागू करना होगा. श्रमिकों के स्थायीकरण का भी उन्होंने मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अस्थायी श्रमिकों को स्थायी करना होगा. इन्हें काम के दौरान पूरी सुरक्षा देनी होगी.
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