कोलकाता. राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है. यह चिंता किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि कोर्ट की है. कलकत्ता हाई कोर्ट को लगता है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहा है. इस पर नियंत्रण किया जाना जरूरी है. महिला सुरक्षा से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तीन युवकों को घर छोड़ने का निर्देश भी दिया. यह मामला साउथ पोर्ट इलाके के दो पड़ोसियों के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद से जुड़ा बताया गया है. ऊपरोक्त मामले की सुनवाई के क्रम में न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने जिन तीन भाइयों को घर छोड़ दूर रहने को कहा है, उन पर आरोप है कि इन लोगों ने अपने एक पड़ोसी से एक विवाद के क्रम में अपने उसकी पुत्री के साथ दुराचार की धमकी दी थी. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस मामले में वे लोग झगड़े और मारपीट की एक घटना के बाद पुलिस तक अपनी शिकायत लेकर गये भी थे, पर वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली. खास बात यह कि किशोरी के साथ दुराचार की धमकी देने वाले आरोपियों को जमानत भी मिल गयी और वे उल्टे पीड़ित परिवार पर मुकदमा ठोंक दिये. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने सरकारी वकील से जानना चाहा कि ऊपरोक्त मामले में मेडिकल रिपोर्ट होने के बावजूद इसे तव्वजो क्यों नहीं दिया ? हालांकि आरोपी तीनों भाइयों के वकील ने भी कहा कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ फर्जी आरोप लगा कर कर केस कर दिया गया है. वैसे सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने किशोरी से दुराचार की धमकी देने के आरोपी तीनों भाइयों को तीन महीने के लिए घर से दूर रहने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि ये लोग हर 15 दिन पर मामले की जांच कर रहे आइओ के साथ मिल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. अगर उनके घर वाले चाहें, तो वहीं पर वे लोग इनसे मिल भी सकते हैं.
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