इडी ने लंबी पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपियों में ज्योतिप्रिय मल्लिक का अकाउंटेंट भी शामिलसंवाददाता, कोलकाताप्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम ने राशन घोटाले के सिलसिले में राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी माने जाने वाले तीन चावल मिल मालिकों को गिरफ्तार किया है. इनके नाम सुब्रत घोष, शांतनु भट्टाचार्य और हितेश चांडक बताये गये हैं. शांतनु भट्टाचार्य चावल मिल मालिक होने के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट भी है. वह ज्योतिप्रिय मल्लिक का अकाउंटेंट रह चुका है. गिरफ्तार तीनों आरोपियों पर राशन सामग्री की कालाबाजारी के आरोप हैं. गौरतलब है कि राशन घोटाले में मल्लिक पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. इडी सूत्रों के मुताबिक, मल्लिक से पूछताछ में इन तीन चावल मिल मालिकों के बारे में जानकारी मिली थी. यह भी पता चला कि पूर्व मंत्री की मिलीभगत से यहां सालों तक अवैध तरीके से राशन की सामग्री बेची जाती रही. इसके बदले ये तीनों गिरफ्तार आरोपी मोटी रकम मुनाफा वसूलते थे. मल्लिक के ड्राइवर से पूछताछ एवं घर पर तलाशी लेने के बाद इडी को कई दस्तावेज मिले. उसके आधार पर इन तीनों चावल मिल मालिकों को सोमवार को सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित इडी कार्यालय बुलाया गया था. देर रात तक उनसे पूछताछ की गयी. इस दौरान उनके व्यापार से संबंधति जानकारी मांगने पर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके. इसके साथ जांचकर्ताओं के सवालों का ठीक से जवाब भी नहीं दे पाने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गौरतलब है कि अबतक राशन वितरण घोटाले में कई लोग पहले ही जमानत पर रिहा हो चुके हैं. ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी कारोबारी बाकीबुर रहमान और तृणमूल नेता शंकर आद्य को भी जमानत मिल गयी है. ज्योतिप्रिय मल्लिक भी बार-बार जमानत के लिए आवेदन कर रहे हैं. हालांकि, इडी ने अदालत में ज्योतिप्रिय को भ्रष्टाचार का रिंग मास्टर बताया है. इस बीच, अन्य जानकारियों का पता लगाने के लिए अब तीन चावल मिल मालिकों को गिरफ्तार किया गया.दो जनवरी तक इडी की हिरासत में भेजे गये आरोपी
मंगलवार को आरोपियों को कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट की विशेष इडी अदालत के न्यायाधीश प्रशांत मुखर्जी के समक्ष पेश किया गया. इडी के वकील भास्कर प्रसाद बनर्जी ने कहा कि शांतनु भट्टाचार्य एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में ज्योतिप्रिय मल्लिक के पैसे की हेराफेरी की गयी है. सात कंपनियों के जरिये पैसे की हेराफेरी की गयी है. सुब्रत घोष और हितेश चांडक के घरों की तलाशी ली गयी और कई दस्तावेज तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं. इस बीच, आरोपियों के वकीलों ने जमानत के लिए अर्जी दी और कहा कि गिरफ्तार लोगों के घरों की तलाशी एक साल पहले ली गयी थी. उन्हें एक साल बाद क्यों गिरफ्तार किया गया. कई बार इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया. इस पर इडी ने बताया कि इनके कब्जे से कई दस्तावेज बरामद किए गये हैं. आगे की जांच के लिए इडी की हिरासत मांगी गयी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गिरफ्तार तीनों को दो जनवरी तक इडी हिरासत में रखने का आदेश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है