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राज्य में बाढ़ के लिए तृणमूल सरकार जिम्मेदार : भाजपा

उत्तर बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को सिलीगुड़ी पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति और डीवीसी से राज्य के दो प्रतिनिधियों के इस्तीफे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसा.

संवाददाता, कोलकाता

उत्तर बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को सिलीगुड़ी पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति और डीवीसी से राज्य के दो प्रतिनिधियों के इस्तीफे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार ने बांधों के रखरखाव के लिए कोई मरम्मत कार्य नहीं किया. सीएम हर साल एक ही बात कहती हैं कि यह मानव निर्मित बाढ़ है. मानव निर्मित बाढ़ का मुकाबला करने के लिए उन्होंने क्या पहल की? उन्होंने कुछ नहीं किया. आरजी कर कांड के बारे में पूछे जाने पर सुकांत मजूमदार ने कहा कि सीबीआइ जांच सबूतों की उपलब्धता पर निर्भर करती है. अगर सबूत उपलब्ध नहीं हैं, तो कोई भी एजेंसी न्याय नहीं कर सकती है. आरजी कर मामले में सारे सबूत नष्ट कर दिये गये हैं. दोषियों को ढूंढने के लिए सीबीआइ को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. यह तय है कि दोषियों को सजा मिलेगी. साथ ही सुकांत ने उत्तर बंग मेडिकल कॉलेज में थ्रेट कल्चर को लेकर भी तृणमूल पर हमला बोला. उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की. शुभेंदु ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर कहा कि ममता बनर्जी इसके लिए जिम्मेदार हैं. यह तृणमूल सरकार की विफलता है, तृणमूल को घाटाल के लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए. राज्य सरकार की यहां कोई भूमिका नहीं है, ममता बनर्जी खुद यहां आईं लेकिन क्या हुआ. लोगों के घरों में चावल नहीं है, तिरपाल नहीं है, बच्चों के लिए खाना नहीं है. राज्य सरकार यहां पूरी तरह विफल रही है.

तारकेश्वर में घटने लगा है बाढ़ का पानी

हुगली. तारकेश्वर में बाढ़ की पानी अब घटने लगा है. एसडीओ चंदननगर विष्णु दास ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. एसडीओ के मुताबिक, यहां के चार ग्राम पंचायत संतोषपुर, केशव चौक, चपाडांगा और तालपुर के करीब 1200 लोगों ने 11 राहत केंद्रों में आश्रय ले रखा था. अब वे अपने घर लौटने लगे हैं. आशा कर्मी और आंगनबाड़ी कर्मियों को बाढ़ पीड़ितों के घर भेजकर नुकसान का डाटा संग्रह किया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितो में तिरपाल, चादर, स्टोव, हांडी आदि का वितरण का कार्य चल रहा है.

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