रेल अधिकारियों ने मदद की तो गुवाहाटी जाने वाली ट्रेन तक पहुंच सके मुंबई से हावड़ा पहुंचे बराती
श्रीकांत शर्मा, हावड़ा
मुंबई से गुवाहाटी जाने के लिए बारातियों का एक दल सीएसएमटी-हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस में सवार होकर हावड़ा आ रहा था और उसे हावड़ा स्टेशन के दूसरी ट्रेन 12345 साईघाट एक्सप्रेस में सवार होना था, लेकिन गीतांजलि एक्सप्रेस के देरी से हावड़ा स्टेशन पहुंचने के कारण ऐसा लगा मानो इनकी ट्रेन छूट जायेगी, लेकिन रेल अधिकारियों ने हावड़ा स्टेशन पर एक सेफ कॉरिडोर बनाकर इन्हें ट्रेन तक पहुंचा दिया, जिससे ये गुवाहाटी स्थित दुल्हन के घर को रवाना हो सके. डीआरएम संजीव कुमार के हस्तक्षेप से यह संभव हो सका और बाराती ट्रेन में सवार होकर अपने गंतव्य के लिए निकल गये.बताते हैं कि बारात गुरुवार को मुंबई से गीतांजलि एक्सप्रेस में सवार हुई थी और उन्हें हावड़ा स्टेशन से ट्रेन बदलकर गुवाहाटी जाने वाली सराईघाट एक्सप्रेस में सवार होना था. लेकिन गीतांजलि एक्सप्रेस, हावड़ा स्टेशन अपने समय से तीन घंटे देरी 3.55 बजे पहुंची थी, जबकि सराईघाट के रवाना होने का समय शाम 4.05 बजे ही था. दोनों के समय में मामूली अंतर होने के कारण गीतांजलि एक्सप्रेस में सवार बाराती परेशान हो गये. ट्रेन छूट जाने के का एहसास होते ही दूल्हे, चंद्रशेखर बाग ने खुद ही डीआरएम संजीव कुमार को फोन कर सहायता मांगी. दूल्हे की बात सुनकर डीआरएम संजीव कुमार ने तुरंत अपने अधिकारियों को हावड़ा स्टेशन के न्यू और ओल्ड कॉम्पलेक्स के मध्य सेफ कॉरिडोर बनाकर कर दूल्हे और बारातियों को ट्रेन तक पहुंचाने का निर्देश दिया. डीआरएम का निर्देश मिलते ही सीनियर डीसीएम राहुल रंजन ने गीतांजलि एक्सप्रेस के हावड़ा पहुंचने से पहले तमाम इंतजाम किया. न्यू कॉम्पलेक्स के प्लेटफॉर्म 21 और सराईघाट के रवाना होने वाली ओल्ड कांप्लेक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर नौ के मध्य एक विशेष सेफ कॉरिडोर बनाया गया. बुजुर्ग बारातियों के लिए चार बैटरी चालित कार और व्हीलचेयर की भी व्यवस्था की गयी. एक दर्जन रेलवे कर्मचारी और अधिकारी अर्ल्ड मोर्ट में तैनात हो गये. गीतांजलि एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म 21 पर पहुंचते ही अधिकारी, 35 बारातियों को सेफ कॉरिडोर से 12345 सराईघाट एक्सप्रेस तक ले गये. विशेष व्यवस्था के चलते दुल्हा और बाराती पांच मिनट के अंदर अपनी ट्रेन तक पहुंच गये और ट्रेन रवाना हुई. ट्रेन में बैठकर दूल्हे, चंद्रशेखर बाग ने ट्विटर पर रेल मंत्री, रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को धन्यवाद दिया.
दूल्हा चंद्रशेखर बाग ने प्रभात खबर को बताया कि बारातियों में बहुत सारे बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं भी थीं. उनकी ट्रेन काफी देरी से हावड़ा स्टेशन पहुची थी, लिहाजा दूसरी ट्रेन वह पकड़ पाना संभव नहीं था. यदि हावड़ा के डीआरएम और सीनियर डीसीएम साहब की सहायता नहीं मिलती, तो ट्रेन तक पहुंच पाना संभव नहीं था. श्री बाग ने रेलवे अधिकारियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है