शेल कंपनियों के जरिये भ्रष्टाचार की रकम दूसरी जगहों पर स्थानांतरित करने की आशंका
मामला आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच का
मामला आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच का कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारी मामले में सीबीआइ के हाथों गिरफ्तार कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष सहित अन्य आरोपियों, उनके परिजनों व उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियों की जानकारी एकत्रित करने में जुटे हैं. साथ ही भ्रष्टाचार से जुटायी रकम किसके जरिये और कहां-कहां स्थानांतरित किये गये, यह भी जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है. सूत्रों की मानें, तो भ्रष्टाचार से जुटायी रकम को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के लिए शेल कंपनियों यानी फर्जी कंपनियों का भी इस्तेमाल किया गया. बताया जा रहा है कि इडी की जांच के रडार पर करीब 10 कंपनियां हैं, जिनके बैंक खातों के जरिये भ्रष्टाचार की रकम दूसरी जगह स्थानांतरित किये जाने की आशंका है. हालांकि, यह अभी जांच का विषय और इस बाबत इडी की ओर से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया गया है. इडी के अधिकारी उन कंपनियों से जुड़े तमाम तथ्यों की जानकारी एकत्रित करने में जुटे हैं. साथ ही उनके बैंक खातों का विवरण भी जुटाया जा रहा है. गत शुक्रवार को इडी ने वित्तीय अनियमितता की जांच के तहत घोष समेत उनसे जुड़े कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उक्त अभियान के दौरान ही अधिकारियों को उक्त कंपनियों के बारे में भनक लगी. घोष पर अपने करीबियों और रिश्तेदारों के नाम पर शेल कंपनियां खोलने का भी आरोप है. इडी को उन कंपनियों के कई निदेशकों के नाम भी मिले हैं. जल्द उनसे पूछताछ की जा सकती है. इधर, घोष के करीबी माने जाने वाले प्रसून चटर्जी से पूछताछ कर केंद्रीय जांच एजेंसी मामले से जुड़े अन्य तथ्यों का पता लगाने की कोशिश भी कर रही है.
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