पार्थ सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल शुरू
शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा दर्ज किये गये मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ विचार भवन स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में मंगलवार को ट्रायल शुरू हो गया है.
संवाददाता, कोलकाता
शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा दर्ज किये गये मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ विचार भवन स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में मंगलवार को ट्रायल शुरू हो गया है. यह प्रक्रिया एक बंद कमरे (इन-कैमरा) में चली. पार्थ समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. मामले की सुनवाई के दौरान बाहरी लोगों को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी. पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इडी को निर्देश दिया था कि वह महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज करे. इसी क्रम में मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में पहली बार एक महत्वपूर्ण गवाह का बयान भी दर्ज किया गया. इडी ने कोर्ट को प्राथमिक तौर पर तीन महत्वपूर्ण गवाहों की सूची सौंपी है. सुनवाई ‘इन-कैमरा’ चलने के कारण गवाहों के नाम सार्वजनिक नहीं किये गये हैं.
पार्थ के वकील विप्लव गोस्वामी ने बताया है कि मामले की सुनवाई के दौरान गवाह से उनकी ओर से कोई प्रश्न नहीं किया गया. उनका कहना है कि वह दो गवाहों से एक साथ सवाल करना चाहेंगे. सूत्रों के अनुसार, जो गवाह इस दिन कोर्ट में आये थे, वह एक निजी संस्थान के कर्मचारी हैं. पार्थ चटर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ एक फरवरी तक जमानत देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जमानत से पहले आरोप तय करने और गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए.
गौरतलब रहे कि इडी ने 22 जुलाई 2022 को दक्षिण कोलकाता के नाकतला स्थित पार्थ चटर्जी के घर पर छापा मारा था, जिसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इडी ने पार्थ की करीबी मानी जानेवाली महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के टाॅलीगंज और बेलघरिया स्थित फ्लैटों से करीब 49.8 करोड़ रुपये नकदी, विदेशी मुद्रा और सोने के आभूषण बरामद किये थे. इडी का दावा है कि नियुक्ति घोटाले में पार्थ मुख्य साजिशकर्ता हैं. इस मामले में इडी द्वारा कोर्ट में दायर की गयी चार्जशीट में 54 आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिनमें 25 निजी कंपनियों व संस्थानों के नाम भी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर को पार्थ को सशर्त जमानत देने का आदेश दिया था.
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