अभिषेक बोले, दुष्कर्म के दोषियों को 50 दिनों के भीतर मिले सजा, बने कानून

कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर आरजी कर की जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) कर रहा है. उक्त घटना का विरोध देशभर में हो रहा है. इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी कड़ा विरोध जताया है. गुरुवार को सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न के मामलों में 50 दिनों के भीतर दोषियों को सजा देना अनिवार्य करने वाले कानून की वकालत करते हुए दावा किया कि आरजी कर की घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान ही देश में ऐसे 900 से अधिक मामले हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2024 11:14 PM

कोलकाता.

कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर आरजी कर की जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) कर रहा है. उक्त घटना का विरोध देशभर में हो रहा है. इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी कड़ा विरोध जताया है. गुरुवार को सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न के मामलों में 50 दिनों के भीतर दोषियों को सजा देना अनिवार्य करने वाले कानून की वकालत करते हुए दावा किया कि आरजी कर की घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान ही देश में ऐसे 900 से अधिक मामले हुए हैं. अभिषेक ने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार पर दुष्कर्म रोधी समग्र कानून बनाने के लिए दबाव डालें, जिससे इन मामलों में त्वरित सुनवाई हो और आरोपियों को कड़ी सजा मिल सके. इस दिन श्री बनर्जी ने सोशल मीडिया के मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ पिछले 10 दिनों में जब लोग सड़कों पर प्रदर्शन और न्याय की मांग कर रहे हैं, उसी दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में दुष्कर्म की 900 घटनाएं हुई हैं. देश में हर दिन दुष्कर्म की 90 घटनाएं. प्रति घंटे ऐसी चार तथा प्रति 15 मिनट में दुष्कर्म की एक घटना सामने आती है. इसलिए इन मामलों में निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है. हमें ऐसे मजबूत कानूनों की जरूरत है, जो 50 दिनों के भीतर सुनवाई और दोषियों की सजा सुनिश्चित कर सकें. दोषियों को कठोर सजा दे सकें, न कि केवल खोखले वादे करें. राज्य सरकारों को पहल करनी चाहिए और केंद्र सरकार पर दुष्कर्म रोधी समग्र कानून बनाने के लिए दबाव डालना चाहिए, जो त्वरित सुनवाई कर सके और सख्त सजा दे सके. जागो भारत!

गत नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर मौजूद सेमिनार हॉल से जूनियर महिला चिकित्सक का शव बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या हुई. घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. घटना को लेकर तृणमूल के नेता भी विरोध कर रहे हैं. इनमें से कुछ नेताओं के बयान से उनके तेवर तल्ख होने का भी पता चला. उन्होंने चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाये हैं. तृणमूल नेताओं के बयान से यह कहना गलत नहीं होगा कि मामले को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेताओं के मतभेद सामने आ रहे हैं. आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के खिलाफ सांसद सुखेंदु शेखर राय, डॉ शांतनु सेन व अन्य कुछ तृणमूल नेता मुखर हो चुके हैं. सेन द्वारा की गयी टिप्पणी के बाद ही उन्हें पार्टी के प्रवक्ता पद से भी हटा दिया गया. दुष्कर्म की घटना को लेकर सांसद व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी विरोध जता चुके हैं. हालांकि, वह उक्त मामले के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में निकाली गयी विरोध रैली में नहीं शामिल हुए थे.

आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर पार्टी के पूर्व प्रदेश महासचिव कुणाल घोष भी पहले यह मांग कर चुके हैं कि राज्य के ऐसे हालात में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी के और सक्रिय होने की जरूरत है. सूत्रों के अनुसार, पार्टी में मीडिया प्रबंधन का जिम्मा भी तृणमूल नेताओं की एक अलग टीम ने संभाल लिया है. इस बीच खबर आयी है कि अभिषेक बनर्जी सितंबर में आंख की सर्जरी के लिए न्यूयॉर्क जाने वाले हैं. यह भी चर्चा है कि आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के बाद से राज्य के मौजूदा हालात से निबटने के लिए पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी संगठन में फेरबदल कर सकती हैं. हालांकि, उक्त मामले को लेकर पार्टी की ओर से कुछ नहीं कहा गया है.

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