तृणमूल सांसद सागरिका घोष ने की राज्यपाल को हटाने की मांग

तृणमूल की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने उन पर बार-बार संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल हटाने की मांग की.

By Prabhat Khabar News Desk | September 19, 2024 1:43 AM

कोलकाता. आरजी कर की घटना के बाद बिगड़ी स्थिति पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया था. इसके जवाब में, तृणमूल सांसद सागरिका घोष ने सोशल मीडिया के जरिये उन्हें हटाने की मांग की है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस एक बार फिर तृणमूल नेतृत्व के निशाने पर हैं. तृणमूल की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने उन पर बार-बार संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल हटाने की मांग की. सांसद ने बुधवार को इस संबंध में अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया. उन्होंने एक वीडियो संदेश भी दिया. इसमें कहा है कि मुद्दा यह है कि राज्यपाल, भाजपा के दलाल के रूप में काम करते हुए अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को भूल गये हैं. इसके उलट वह लगातार मुख्यमंत्री पर हमले बोल रहे हैं. इसीलिए सीवी आनंद बोस को तुरंत राज्यपाल पद से हटा दिया जाना चाहिये.

संयोगवश, आरजी कर आंदोलन के संदर्भ में राज्यपाल ने एक बार फिर राज्य सरकार की आलोचना की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दो दिन पहले ही सीधा हमला बोला. यहां तक कि बंगाल के संवैधानिक प्रमुख ने राज्य के प्रशासनिक प्रमुख का सामाजिक बहिष्कार करने का भी आह्वान किया. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया है. उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि आरजी कर की घटना के बाद राज्य में सरकार के प्रति विश्वासघात का माहौल बना है, उससे वे मुंह नहीं मोड़ सकती. बोस ने कहा कि वह सीधे तौर पर बंगाल के आंदोलनकारियों और आम जनता के साथ खड़े रहेंगे और मुख्यमंत्री का बहिष्कार करेंगे.

सागरिका ने कहा कि राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं. उन पर ये आरोप एक नहीं, बल्कि दो महिलाओं ने लगाया है. इनमें से एक राजभवन की कर्मी है. सागरिका का तर्क है कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद से, निर्वाचित मुखिया और एक महिला मुख्यमंत्री पर किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा हमला किया जा रहा है, जिस पर महिला उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं.

तृणमूल सांसदों की सीधी शिकायत यह है कि राज्यपाल, भाजपा के दलाल के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए बार-बार ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, उन्हें तुरंत राज्यपाल की कुर्सी से हटा देना चाहिये.

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