यूपीएससी-आइएसएस 2024 परीक्षा में बंगाल के दो युवाओं का परचम, हासिल किये प्रथम व द्वितीय स्थान

पीएससी-आइएसएस-2024 की परीक्षा में आसनसोल के रहने वाले सिंचन स्निग्ध अधिकारी ने प्रथम व पूर्व बर्दवान के आउसग्राम के बिल्टू माजी ने द्वितीय स्थान हासिल किया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2024 1:20 AM

आसनसोल के सिंचन स्निग्ध अधिकारी प्रथम व पूर्व बर्दवान के आउसग्राम के रहने वाले बिल्टू माजी रहे द्वितीय स्थान पर

संवाददाता, कोलकाता/आसनसोल

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी सेवा (आइएसएस) परीक्षा में राज्य के दो उम्मीदवार पूरे देश में अव्वल रहे हैं. इस परीक्षा में पश्चिम बंगाल के दो उम्मीदवारों ने प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल किये. यूपीएससी-आइएसएस-2024 की परीक्षा में आसनसोल के रहने वाले सिंचन स्निग्ध अधिकारी ने प्रथम व पूर्व बर्दवान के आउसग्राम के बिल्टू माजी ने द्वितीय स्थान हासिल किया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन दोनों उम्मीदवारों की उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है. गणित के प्रति दीवानगी ने आसनसोल के सिंचन स्निग्ध अधिकारी को इस मुकाम तक पहुंचाया. यह उपलब्धि हासिल करनेवाले सिंचन आसनसोल के पहले युवा हैं. सिंचन ने वर्ष 2015 में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में 164वां रैंक हासिल कर कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई के मौके को छोड़ दिया था. वर्ष 2015 में ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में सातवां स्थान प्राप्त कर इंजीनियरिंग में भी अपना दाखिला नहीं लिया. उनका लक्ष्य कुछ और ही था, जिसे नौ वर्ष बाद उन्होंने हासिल किया. आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के इस्माइल में मदर टेरेसा सरणी के निवासी व आसनसोल माइंस बोर्ड ऑफ हेल्थ में कर्मचारी प्रदीप अधिकारी के एकमात्र संतान सिंचन की स्कूली पढ़ाई कक्षा एक से 12 तक रामकृष्ण मिशन आसनसोल में हुई. कोलकाता में आइएसएस से वर्ष 2018 में ग्रेजुएशन किया और यहीं से वे 2021 में स्टैटिस्टिक्स में मास्टर की पढ़ाई भी पूरी की. इसके बाद वह आइएसएस क्रैक करने में जुट गये. उनके पिता ने बताया कि मैथ के प्रति उसका पागलपन ही उसे यहां तक।पहुंचाया. कहीं भी कोचिंग नहीं ली. घर पर रहकर ही तैयारी की. पिछले साल भी वह इस परीक्षा में केजुवली बैठा था. इसबार पूरी तैयारी के साथ बैठा और बेहतर परिणाम आया.

सिंचन की मां सुजाता अधिकारी गृहिणी हैं. उन्होंने कहा कि सिंचन की मेहनत और भगवान के आशीर्वाद से यह उपलब्धि हासिल हुई है.

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