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निगम को सम्मान के साथ करना होगा लावारिश लाशों का अंतिम संस्कार

वकील मीता बनर्जी राय की याचिका पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने दिया आदेश

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2024 11:17 PM

वकील मीता बनर्जी राय की याचिका पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने दिया आदेश कोलकाता. किसी शख्स की मौत के बाद अंत्येष्टि तक मानवाधिकार का पालन होना चाहिए. इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला सुनाया है. ऐसे में कोलकाता में भी अज्ञात शवों को सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किये जाने को लेकर हाइकोर्ट की वकील मीता बनर्जी राय सामने आयी हैं. वह अपनी मेहनत की कमाई के एक हिस्से से अज्ञात शवों का सम्मानपूर्वक और धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहती हैं. इसे लेकर उन्होंने कलकत्ता हाइकोर्ट में अपील की थी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने उनके आवेदन पर सहमति जतायी है. कलकत्ता नगर निगम की चेयरपर्सन को उच्च न्यायालय ने तुरंत वकील से संपर्क करने और लावारिश शवों के दाह संस्कार के संबंध में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता मीता बनर्जी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसके दाह संस्कार तक उसके निजी अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार बने रहते हैं. हाल ही में मीडिया द्वारा प्रसारित निगम के एक अधिकारी के बयान के मुताबिक, लावारिश शवों का इस्तेमाल आमतौर पर यह जांचने के लिए किया जाता है कि इलेक्ट्रिक भट्ठी ठीक से काम कर रही है या नहीं. उन्हें को यह पूरी तरह अमानवीय लगा. मामले की सुनवाई के दौरान मीता ने कहा : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, यह कहा जा सकता है कि प्रत्येक शव का धार्मिक नियमों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए. मैं इसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हूं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा : मैं आपकी पहल की सराहना करता हूं. इसके लिए आपको सुप्रीम कोर्ट की कोई गाइडलाइन देखने की जरूरत नहीं है. मुझे उम्मीद है कि निगम को भी इस पर आपत्ति नहीं होगी. उधर, निगम के वकील ने भी कहा कि इस मामले में कोई आपत्ति नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया कि छह सप्ताह के भीतर, निगम याचिकाकर्ता की वकील मीता बनर्जी से संपर्क कर इसे लागू करे.

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