एएसबीएम यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए एम वेंकैया नायडू
संवाददाता, कोलकाता
एएसबीएम यूनिवर्सिटी (भुवनेश्वर) के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में 13वें उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू उपस्थित रहे. उन्होंने स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान ही सर्वोच्च धन है और अपनी शिक्षा का जीवन में उपयोग करना चाहिए. राष्ट्र निर्माण में भाग लेने और भारत को विश्व नेता के रूप में विद्यार्थियों को तैयार करना होगा. सीखना एक कला है, जो जीवनभर चलती है. यह केवल किताबों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा काफी विशाल है. उन्होंने कहा कि एएसबीएम यूनिवर्सिटी के संस्थापक और अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वजीत पटनायक ने सीखने का एक गढ़ दिया है, जो उत्कृष्टता और नवीनता का प्रतीक है. एएसबीएम यूनिवर्सिटी को एक अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने में पटनायक का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण रहा है. ओडिशा में शिक्षा की आधारशिला ऐसे रखी है, जो युवाओं को हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करती है.
कार्यक्रम में पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ पीएल हरनाध ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन का स्वामी बनें और अपनी शिक्षा का उपयोग उचित योजना के साथ करें. यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं अध्यक्ष प्रोफेसर बिस्वजीत पटनायक ने स्नातक बैच को अपने संबोधन में कहा कि छात्रों को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें क्या मिला है, जो भी मिला है वह उसके लिए आभारी रहें.
मौके पर विद्यार्थियों को डॉक्टरेट, स्नातकोत्तर एवं स्नातक उपाधियां प्रदान की गयीं. मुख्य अतिथि श्री नायडू ने मेधावी छात्रा प्रेरणा दास, आयुष्मान महापात्र, स्तुति सिंह, एम. इंदु और प्रयास पटनायक को स्वर्ण पदक प्रदान किया.
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