करोड़पति बनने से पहले पेंटिंग सिखाता था विप्लव

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता मामले में गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी रहे विप्लव सिंह और सुमन हाजरा को सीबीआइ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 7, 2024 1:18 AM

आरजी कर में हुई वित्तीय अनियमितता मामले में सीबीआइ ने किया है विप्लव को गिरफ्तार

संवाददाता, हावड़ा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता मामले में गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी रहे विप्लव सिंह और सुमन हाजरा को सीबीआइ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. शुक्रवार को इसी मामले की जांच कर रही इडी अधिकारियों की एक टीम सांकराइल के हाटगाछा स्थित विप्लव सिंह और उसके करीबी बासुदेवपुर स्थित कौशिक कोले के घर पहुंची और दोनों के घरों पर करीब 10 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया. उन्होंने मौके से कई दस्तावेज भी जब्त किये. विप्लव और कौशिक के पड़ोसी हैरान हैं कि आखिर दोनों ने ऐसा क्या किया है कि जांच एजेंसी पहुंच रही है. हालांकि स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों ने कम समय में काफी तरक्की की है.

आखिर कौन है विप्लव सिंह : जानकारी के अनुसार, सात से आठ साल पहले विप्लव पहले चित्रकार था. घर की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं थी. यही कारण था कि वह कम फीस पर छोटे-छोटे बच्चों को पेंटिंग सिखाने लगा. इस दौरान उसकी मुलाकात सांकराइल के वासुदेवपुर इलाके के रहने वाले दवा विक्रेता सुमन हाजरा से हुई. सुमन का प्रिसिंपल संदीप घोष से काफी अच्छा परिचय था. यही से विप्लव की किस्मत पलटी. सुमन ने विप्लव की मुलाकात संदीप घोष से करायी. इसके बाद विप्लव ने मां तारा ट्रेडर्स नाम से एक कंपनी खोल दी. उसने आरजी कर अस्पताल सहित कोलकाता के कई अस्पतालों को चिकित्सीय उपकरण देने का काम शुरू कर दिया. महज पांच वर्षों में उसने खूब तरक्की की.

स्थानीय लोगों के अनुसार, काली पूजा के मौके पर वह भोज करता था, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचते थे. इस दौरान उसके घर की भी काया पलट गयी. कई सारी जमीनें उसने खरीद लीं. आसपास के लोग उसकी तरक्की को देखकर हैरान थे. सब कुछ ठीक चल रहा था कि आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गयी. हाइकोर्ट ने घटना की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा. सीबीआइ की एक टीम 25 अगस्त को विप्लव के घर पहुंची. इतने कम समय में विप्लव कैसे करोड़ों का मालिक हो गया, इसका जवाब देने में विप्लव असमर्थ रहा. कई बार पूछताछ करने के बाद दो सितंबर की रात सीबीआइ ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, कौशिक कोले के बारे में बताया जाता है कि वह कई कंपनियों के इनकम टैक्स फाइल सहित वित्तीय लेखा-जोखा का काम करता है. कौशिक के साथ विप्लव की काफी अच्छी दोस्ती है. बताया जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में कौशिक की आय भी बेतहाशा बढ़ी थी. ईडी की टीम कौशिक से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि उसकी आय का स्रोत क्या था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version