Kolkata Doctor Murder : सीबीआई जांच को लेकर फर्जी पत्र हुआ वायरल
Kolkata Doctor Murder : सीबीआई ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र को फर्जी करार दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से कहा गया है कि इस मामले की जांच सीबीआई के नयी दिल्ली स्थित मुख्यालय द्वारा की जा रही है.
Kolkata Doctor Murder : कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच कर रही है. इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ है, जिसमें खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले एक शख्स ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र भेजने की बात कही है और आरजी कर अस्पताल में हुई घटना में सीबीआई जांच में राजनीतिक दबाव डालने की बात कही गयी है. उक्त पत्र को लेकर सीबीआई ने बयान जारी किया और सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले पत्र को फर्जी करार दिया है. मामले की जांच सीबीआई के नयी दिल्ली स्थित मुख्यालय द्वारा की जा रही है.
सीबीआई ने सोशल मीडिया पर वायरल गतिविधियों को नजरअंदाज करने की अपील की
सीबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह पत्र जिस अधिकारी के नाम से जारी किया गया है, इस नाम का कोई अधिकारी जांच एजेंसी में नहीं है. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक पत्र लगातार वायरल हो रहा है. उक्त पत्र को डॉ आकाश नाग के नाम से लिखा गया है, जिसमें उन्हें डीआइजी संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा बताया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल पत्र आकाश नाग के नाम से लिखा गया है, जिसमें लिखा गया है- ‘मैं केस नंबर 012990/WBS, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई हत्या से संबंधित है, उससे अलग होने की अनुमति चाहता हूं. मैं बड़े दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि जांच को राजनीतिक दबाव डालकर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है.
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सीबीआई ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र को करार दिया फर्जी
इसमें ये भी लिखा है कि अस्पताल के चार डॉक्टरों का इसमें सीधा हस्तक्षेप है, इसीलिए जांच के दौरान हमें हर कदम पर परेशान किया जा रहा है. प्रोफेशनल एथिक्स, हालात का हवाला देकर आकाश नाग की ओर से खुद को जांच से अलग किये जाने की मांग की गयी है. सीबीआई ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र को फर्जी करार दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से कहा गया है कि इस मामले की जांच सीबीआई के नयी दिल्ली स्थित मुख्यालय द्वारा की जा रही है. इसके अलावा, डॉ आकाश नाग नाम का कोई अधिकारी सीबीआई में नहीं है. सीबीआई की ओर से आम लोगों को सलाह दी गयी है कि वे उक्त पत्र या इस तरह के किसी भी शरारती गतिविधियों को नजरअंदाज करें. सीबीआई गंभीरता के साथ आरजी कर अस्पताल हुई घटना की जांच कर रही है.