दृष्टिबाधित सरस्वती को मिला अपर प्राइमरी में नौकरी का पत्र

वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन की ओर से अपर प्राइमरी की श्रेणी में कुछ योग्य उम्मीदवारों को सिफारिश पत्र दिया गया है. इसमें उन दो महिला उम्मीदवारों के भी नाम हैं,

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2024 1:52 AM
an image

संवाददाता, कोलकाता

वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन की ओर से अपर प्राइमरी की श्रेणी में कुछ योग्य उम्मीदवारों को िसफारिश पत्र दिया गया है. इसमें उन दो महिला उम्मीदवारों के भी नाम हैं, जिन्होंने शारीरिक अक्षमता व चुनौतियों के बावजूद सफलता हासिल की. इसमें एक उम्मीदवार सरस्वती कर हैं, जिन्हें पूर्व मेदिनीपुर के गोपालनगर विहारीलाल विद्यापीठ में बांग्ला पढ़ाने के लिए चुना गया है.

सरस्वती 75 प्रतिशत दृष्टिहीन हैं. उन्हें अभी-अभी नौकरी का अनुशंसा पत्र प्राप्त हुआ है. वह बताती हैं कि 75 फीसदी दृष्टिहीन हैं, लेकिन इस दिव्यांगता के चलते कुछ भी अटका नहीं है. उसने बचपन से ही संघर्ष किया. ब्रेल लिपि से पढ़ाई की और अब नौकरी भी करेगी. उसके पिता एक किसान हैं. परिवार में पिता, मां और भाई हैं. मां गृहिणी हैं और भाई सिविक वॉलंटियर हैं. बांकुड़ा की रहने वाली सरस्वती को पूर्व मेदिनीपुर में नौकरी मिली है. लंबी लड़ाई लड़ने वाली सरस्वती कहती हैं, दूरी कोई मायने नहीं रखती. वह कहती है कि वह अपने माता-पिता को वहां ले जायेंगी. सरस्वती को उम्मीद है कि नौकरी से उसेक परिवार को कुछ राहत मिलेगी.

वहीं, पामेला भी शारीरिक अपंगता के बावजूद अपनी मेहनत के दम पर सफलता हासिल की. इस शिक्षिका को उच्च प्राथमिक में नौकरी मिल गयीं. एक रिपोर्ट में उनकी बड़ी सफलता की कहानी पर प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पामेला हुगली के कोन्नगर की रहने वाली हैं. उसे संदेशखाली के भगवती देवी गर्ल्स स्कूल में नौकरी मिली है. बांकुड़ा की सरस्वती व हुगली की पामेला को सिफारिश पत्र मिल गयी है. सेरेब्रल पाल्सी के कारण पामेला जन्म से ही संघर्ष कर रही है, क्योंकि उसके दोनों पैर गतिहीन हैं. वह अपने बगल वाले किसी व्यक्ति की मदद से ही चल सकती है. अपने माता-पिता की मदद से वह साल्टलेक में स्कूल सर्विस कमीशन कार्यालय में शनिवार को गयी. इन दोनों उम्मीदवारों ने नौकरी पर खुशी व्यक्त की. शिखर पर चढ़ने की संतुष्टि को व्यक्त करती है, वह कहते हैं, मुझे घर से बहुत दूर एक स्कूल में नौकरी मिल गयी. हालांकि उसका घर हुगली के कोन्नगर में है और स्कूल नदी के उस पार संदेशखाली-2 ब्लॉक में है, लेकिन यह नौकरी उसके लिए एक सपना है. कई लोगों को हाल ही में स्कूल सेवा आयोग कार्यालय से सिफारिश पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 216 को बांग्ला और 357 को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए बुलाया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version