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WB BY-Election : सिताई विधानसभा उपचुनाव में रोमांचक हाे सकता है मुकाबला, यहां जानें पूरी कहानी

WB BY-Election : 2016 में पहली बार बासुनिया ने इस सीट से तृणमूल को जीत दिलायी थी. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की थी. उस दौरान भी सिताई से तृणमूल को अच्छी लीड मिली थी.

By Shinki Singh | October 18, 2024 2:35 PM
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WB BY-Election : पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहा है. इनमें कूचबिहार का सिताई विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है. वर्ष 2021 में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के जगदीश चंद्र वर्मा बासुनिया ने जीत हासिल की थी. लेकिन गत लोकसभा चुनाव में कूचबिहार से तृणमूल कांग्रेस ने बासुनिया को उम्मीदवार बनाया और वह जीत भी गये.

पार्टी ने उम्मीदवाराें के नाम की घोषणा अब तक नहीं किया

लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, इसलिए इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. किसी भी पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. सभी दल उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रहे हैं. उपचुनाव में उम्मीदवारी के लिए तृणमूल के कई नेताओं ने कोलकाता के नेतृत्व के पास अर्जी भेजी है, लेकिन अभी तक नाम तय नहीं हुआ है. इस सीट पर हाल के चुनावों में तृणमूल का दबदबा रहा है. लेकिन भाजपा भी कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है. अब इस चुनाव के कई मायने हैं. आरजी कर की घटना के बाद राज्य भर में आंदोलन तेज हुआ है. ऐसे में इस चुनाव पर लोगों की निगाहें टिकी हैं.

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2016 से रहा है तृणमूल का दबदबा

2016 में पहली बार बासुनिया ने इस सीट से तृणमूल को जीत दिलायी थी. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की थी. उस दौरान भी सिताई से तृणमूल को अच्छी लीड मिली थी. 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में जगदीश चंद्र वर्मा बासुनिया ने 10 हजार से अधिक वोट से जीत हासिल की थी. यह संरक्षित सीट है. पिछले आंकड़ों पर नजर डालें, तो 1967 से 1972 तक डॉ मो फैजुल हक कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल करते रहे. 1977 में फाॅरवर्ड ब्लॉक ने कांग्रेस को हरा कर जीत का सफर शुरू किया. यह 1991 तक जारी रहा.

भाजपा भी कड़ी टक्कर देने को तैयार

दीपक सेनगुप्ता यहां से जीतते रहे. 1996 में हुए चुनाव में डॉ मो फैजुल हक ने बतौर निर्दलीय यहां से जीत हासिल की. 2001 में हुए चुनाव में फिर से फाॅरवर्ड ब्लॉक के नृपेंद्र नाथ राय ने इस सीट को अपने नाम किया. 2006 में फिर से मो फैजुल हक जीते. 2011 में कांग्रेस के केशव चंद्र राय इस सीट से विधायक बने. तृणमूल का सफर 2016 से यहां शुरू हुआ. जगदीश चंद्र वर्मा बासुनिया ने तृणमूल का खाता खोला. उसके बाद वह 2021 में फिर से चुने गये. वर्ष 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे पर नजर डालें, तो तृणमूल को यहां 49.42 फीसदी वोट मिला था. वहीं, भाजपा को 45.18 फीसदी वोट मिला था.

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