WB News: पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी भूमि पर कब्जे की रोकथाम के लिए बनाई समिति
WB News: पश्चिम बंगाल में सरकारी भूमि पर कब्जा को रोकने के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने बड़ा फैसला किया है. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.
WB News: पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. सरकारी जमीन पर कब्जे के आरोपों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों नाराजगी जताई थी. इसके बाद कमेटी के गठन का फैसला किया गया.
कमेटी में इन अधिकारियों को किया गया शामिल
पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार (21 जून) को यह फैसला किया गया. अधिकारी ने बताया कि समिति में राज्य के वित्त सचिव मनोज पंत, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी प्रभात मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मनोज वर्मा और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को शामिल किया गया है.
प्रशासनिक बैठक में ममता बनर्जी ने जताई थी नाराजगी
अधिकारी ने यह भी बताया कि बृहस्पतिवार को हुई प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संबंध में निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है.
अतिक्रमण करने वालों पर कोई रियायत नहीं करेगी सरकार
ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठक में सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले पर चिंता जाहिर की थी. साथ ही कहा था कि किसी भी सूरत में सरकारी जमीन का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. अतिक्रमण करने वालों के मामले में सरकार कोई रियायत नहीं बरतेगी. उन्होंने सभी जिलों के डीएम से डिटेल रिपोर्ट भी देने के लिए कहा था.
अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई करें कोलकाता पुलिस कमिश्नर
ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें जमीन खाली करनी ही होगी. किसी भी सूरत में उनकी सरकार सरकारी जमीन पर कब्जा बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर से कहा था कि अतिक्रमण के मामले में वे सख्त कार्रवाई करें.
ममता बनर्जी को इन जिलों में अतिक्रमण की मिली थी शिकायतें
कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के कई क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में भी बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर लोगों ने कब्जा किया है. मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि उनके पास इसकी शिकायतें आईं हैं. यह ठीक नहीं है. इसे रोकने की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की है. वे इस दिशा में काम करें. सभी जिलों से कहा गया है कि वे 24 जून तक सरकारी जमीन पर कब्जे की रिपोर्ट भेजें.
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