आंदोलनरत चिकित्सकों को स्वास्थ्य साथी योजना के तहत मिले 54.39 करोड़ रुपये
महानगर के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में नौ अगस्त को जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद से ही जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. घटना के खिलाफ जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैनर तले चिकित्सकों ने हड़ताल भी की थी. इसी बीच, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि नौ अगस्त से 17 अक्तूबर के बीच स्वास्थ्य साथी योजना के तहत 563 चिकित्सकों ने इलाज के लिए विभाग से 54.39 करोड़ रुपये क्लेम किया है.
कोलकाता.
महानगर के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में नौ अगस्त को जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद से ही जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. घटना के खिलाफ जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैनर तले चिकित्सकों ने हड़ताल भी की थी. इसी बीच, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि नौ अगस्त से 17 अक्तूबर के बीच स्वास्थ्य साथी योजना के तहत 563 चिकित्सकों ने इलाज के लिए विभाग से 54.39 करोड़ रुपये क्लेम किया है. बताया गया है कि इस दौरान जूनियर डॉक्टरों ने निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में ड्यूटी करके करोड़ों रुपये कमाये हैं. स्वास्थ्य भवन के मुताबिक, इन जूनियर डॉक्टरों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गयी स्वास्थ्य साथी योजना के तहत मरीजों के इलाज से 54.39 करोड़ रुपये मिले हैं. राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि नौ अगस्त से 17 अक्तूबर तक इन ”प्रदर्शनकारी” जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य साथी योजना के तहत लगभग 55 करोड़ रुपये के अलावा स्टार हेल्थ, ओरिएंटल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस के अलावा कई मेडिक्लेम कंपनियों से सैकड़ों करोड़ रुपये कमाये हैं.स्वास्थ्य साथी योजना के नियमानुसार किसी भी निजी अस्पताल या नर्सिंग होम में स्वास्थ्य साथी कार्ड के माध्यम से इलाज के लिए मरीज को देखने वाले डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर, पैन नंबर और जिस अस्पताल में वह नियुक्त है, उसकी विस्तृत जानकारी स्वास्थ्य भवन में भेजनी होती है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 563 जूनियर डॉक्टरों के नाम सामने आये हैं. हालांकि, इनमें पांच चिकित्सकों की आय का आंकड़ा चौंकाने वाला है. पांच डॉक्टरों ने 1.88 करोड़ रुपये का क्लेम किया है.
तृणमूल नेता कुणाल घोष ने किया कटाक्ष
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के बाद, तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन पर कटाक्ष किया है. पूर्व सांसद कुणाल घोष ने एक्स हैंडल से व्यंग्य करते हुए पूछा : क्या क्रांतिकारी कुछ बोलेंगे? श्री घोष ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से पता चलता है कि कई डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में सेवाएं बंद रखी थीं, लेकिन वह निजी अस्पताल व नर्सिंग होम में मरीजों को देख रहे थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है