लॉकडाउन में कानून तोड़कर बाहर निकले तो हो सकती है दो साल की सजा
आइपीसी की धारा 188 (सरकारी आदेश का उलंघन करना), 269 (लापरवाही के तहत वातावरण में संक्रमण फैलाने की कोशिश करना), 270 (सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को संक्रमित करना) एवं 271 (क्वारंटाइन एक्ट) की धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हंर गिरफ्तार किया जायेगा.
कोलकाता: कोलकाता समेत राज्यभर में सोमवार शाम से लेकर 27 मार्च तक जारी रहनेवाले लॉकडाउन के दौरान अगर कोई भी व्यक्ति बिना किसी ठोस वजह के कानून तोड़ते पकड़ा गया तो उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
इस गिरफ्तारी में कानून तोड़नेवाले को दो वर्ष तक की सजा हो सकती है. कोलकाता पुलिस की तरफ से इसकी जानकारी दी गयी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस दौरान पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 188 (सरकारी आदेश का उलंघन करना), 269 (लापरवाही के तहत वातावरण में संक्रमण फैलाने की कोशिश करना), 270 (सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को संक्रमित करना) एवं 271 (क्वारंटाइन एक्ट) की धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हंर गिरफ्तार किया जायेगा.
लालबाजार के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन धाराओं में गैर जमानती धाराएं भी शामिल हैं, जिसमें पकड़े गये आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी. इसमें आरोपी को अधिकतम दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इसके कारण महानगर के लोगों से विनम्र निवेदन है कि वे बिना किसी अत्यंत जरूरी कारण के घरों से बाहर ना निकले.
लॉकडाउन के दौरान सरकार की तरफ से जिन-जिन व्यवस्था को इसमें छूट दी गयी है उन्हें छोड़कर बाकी लोग कानून तोड़ते पाये गये तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा. इसके कारण लोगों से उनका आवेदन है कि लॉकडाउन के दौरान घरों में ही रहें और कोरोना से लड़ने में पुलिस एवं सरकार की मदद करें.