दूसरे राज्यों में आलू नहीं भेजने पर हो पुनर्विचार
राज्य सरकार द्वारा 31 दिसंबर तक आलू को दूसरे राज्यों में भेजे जाने पर रोक लगाने के फैसले पर चिंता जताते हुए वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. एसोसिएशन का कहना है कि यदि सरकार जल्द कोई फैसला नहीं लेती है, तो उनलोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. ये बातें मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शुभोजीत साहा ने कहीं.
कोलकाता.
राज्य सरकार द्वारा 31 दिसंबर तक आलू को दूसरे राज्यों में भेजे जाने पर रोक लगाने के फैसले पर चिंता जताते हुए वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. एसोसिएशन का कहना है कि यदि सरकार जल्द कोई फैसला नहीं लेती है, तो उनलोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. ये बातें मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शुभोजीत साहा ने कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के कोल्ड स्टोरेज में अब भी चार लाख मीट्रिक टन आलू रखे हैं. इसमें ज्योति, चंद्रमुखी, ए-22, पोखराज सहित अन्य प्रजाति के आलू हैं. ज्योति और चंद्रमुखी को छोड़कर अन्य प्रजाति के आलू की मांग दूसरे राज्यों में अधिक है. राज्य में आलू की कमी नहीं है. ऐसे में अगर सरकार अपने पूर्व फैसले पर अड़ी रही, तो कोल्ड स्टोरेज में रखे सारा आलू बेकार हो जायेगा. क्योंकि ठंड में हरी सब्जियों की मांग अधिक रहती है और नया आलू भी बाजार में आ गया है.साहा ने कहा कि दूसरे राज्यों से आलू बंगाल पहुंच रहा है, लेकिन हमारे राज्य से आलू भेजने पर रोक लगा दी गयी है. सरकार का यह फैसला हमारे हित में नहीं है. पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, हुगली के कोल्ड स्टोरेज में काफी मात्रा में आलू पड़े हुए हैं. अगर कोल्ड स्टोरेज से आलू नहीं निकलेगा, तो चेन सिस्टम बिगड़ जायेगा. इससे उनलोगों को भारी परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की ओर से मंत्री बेचाराम मन्ना, मुख्य सचिव सहित अन्य संबंधित विभाग को पत्र भेजा गया है. उम्मीद है कि सरकार इस मसले को गंभीरता से लेगी. मौके पर एसोसिएशन के पतित पवन दे, गोविंद कजारिया, दिलीप चटर्जी, प्रदीप लोढ़ा आदि थे.
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