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30 चोरों को 3000 रुपए दिहाड़ी देकर कोलकाता के बंद कारखाने में चोरी करवाती है बांग्लादेश की तस्लीमा बीबी

West Bengal Crime News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बांग्लादेश की एक महिला चोरों का गिरोह चलाती है. वह एक चोर को एक दिन के 3000 रुपए देती है.

West Bengal Crime News: कोलकाता में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनी कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉर्पोरेशन (सीईएससी) के बंद पड़े कारखाने से बेशकीमती सामानों की लगातार चोरी हो रही है. इसके लिए बाकायदा खूनी खेल भी होता है. कारखाने के अंदर पत्थरबाजी और फायरिंग आम बाद हो गई है. जी हां, हम बात कर रहे हैं काशीपुर स्थित सीईएससी के वर्षों से बंद पड़े कारखाने की.

आपस में ही ईंट-पत्थर से एक-दूसरे पर हमला कर देते हैं बदमाश

अपराधियों की वजह से इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है. हमेशा डर बना रहता है कि कब गोली चल जाए पता नहीं. किसे गोली लग जाए, पता नहीं. स्थानीय निवासी अफसर भाई कहते हैं कि बंद पड़े कारखाने का माल उड़ाने के बाद उसके बंटवारे को लेकर यह गिरोह आपस में ही उलझ जाता है. एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर चलाने लगते हैं. यहां तक कि कई बार फायरिंग भी कर देते हैं.

  • 30 चोरों का गिरोह, 3000 रुपए की दिहाड़ी और कारखाने में चोरी का फिल्मी स्टाइल
  • किसी फिल्म से कम नहीं सीईएससी के बंद कारखाने से चोरी का खेल
  • सीईएससी के बंद कारखाने से कीमती सामानों की हो रही चोरी, आए दिन होता है खूनी खेल

गैस कटिंग के दौरान सिलिंडर फटने से 3 लोग झुलसे, 1 की मौत

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर कोलकाता के जिलाध्यक्ष तमाघ्नो घोष बताते हैं कि लोहे की ग्रिल, लोहे की मशीनें और तार काटने के लिए यह गिरोह बाकायदा गैस कटर का इस्तेमाल करता है. एक बार गैस कटिंग के दौरान सिलेंडर फटने से 3 लोग झुलस गए थे. इनमें से एक की बाद में मौत हो गई. इस मामले में कहीं कोई केस दर्ज नहीं हुआ. सब रफा-दफा हो गया.

गंगा नदी के रास्ते माल पार करते हैं चोर

भाजपा के नेता कहते हैं कि यह गिरोह चोरी का माल गंगा नदी के रास्ते पार करता है. कारखाने की दीवार में बड़ी सुरंग बना रखी है, जिससे माल टपाते हैं. फिर इसे गंगा नदी के सर्वमंगला घाट स्थित ज्योति कॉलोनी बस्ती में ले जाते हैं. वहां इसे गाड़ी पर लोड करके कबाड़ी की दुकान में पहुंचा देते हैं.

कारखाने से चोरी के माल को गलाने के लिए भेजा जाता है मुर्शिदाबाद

रामगोपाल घोष रोड स्थित चाचा की कबाड़ी दुकान पर सामान का बाकायदा वजन होता है. यहां से सामान को गलाने के लिए मुर्शिदाबाद भेज दिया जाता है. सब कुछ सेट होता है, इसलिए चोरी करने से लेकर माल को टपाने तक में कभी कोई दिक्कत नहीं आती.

रोकने पर सुरक्षा गार्ड पर भी कर देते हैं हमला

चितपुर थाना इलाके के रहने वाले बाबू सोनकर कहते हैं कि थाने को हर महीने उसका हिस्सा पहुंच जाता है. इसलिए पुलिस उधर ताकती तक नहीं. उन्होंने बताया कि गिरोह के कुछ लोग हथियार से लैस होकर आते हैं. सुरक्षा गार्ड अगर कभी उन्हें रोकने की कोशिश करे, तो उस पर भी हमला कर देते हैं. गिरोह का खौफ ऐसा है कि कोई सुरक्षा गार्ड आज तक इसकी शिकायत करने थाने नहीं गया.

बांग्लादेश की तसलीमा बीबी है गिरोह की सरगना

भाजपा नेता तमाघ्नों घोष का कहना है कि बांग्लादेश से आकर कोलकाता में रह रही तस्लीमा बीबी इस गिरोह की सरगना है. वह ज्योति कॉलोनी में रहती है. पुलिस के साथ उसकी सेटिंग है और अपने बेटों रुबेल मोल्ला और इमरान मोल्ला के जरिए सारा काम करवाती है. गिरोह में कोची राजू, शेख अब्दुल्ला, अलीमुद्दीन मल्लिक, कल्लू कोजी, तारीख शेख जैसे शातिर चोर हैं.

आधी रात को काम पर निकलता है 30 लोगों का गिरोह

स्थानीय समाजसेवी पलटू दा का कहना है कि करीब 30 लोगों का यह गिरोह आधी रात को अपने काम पर निकलता है. रात भर कारखाने के अंदर रखे लोहा, तांबा, पीतल आदि के सामानों को गैस कटर से टुकड़ों में काटता है. तड़के इसे नाव से सर्वमंगला घाट पहुंचा देता है. यहां से सारा सामान ज्योति नगर और फिर वहां से गाड़ी में लोड करके मुर्शिदाबाद भेजा जाता है.

चोरों को मिलती है 3000 रुपए की दिहाड़ी

तस्लीमा बीबी ने न सिर्फ पुलिस को, बल्कि स्थानीय नेताओं को भी साध रखा है. इसलिए उसका और उसके बेटों का काम बेरोकटोक चल रहा है. इमरान और रुबेल के काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है. गिरोह के सदस्यों को वह सबसे पहले छककर शराब पिलता है. इसके बाद उसके कहने पर गिरोह के ये सदस्य कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. रोजाना औसतन 30 चोरों का दल बनता है.

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तस्लीमा बीबी के दोनों बेटे इमरान और रुबेल.

3 थाना क्षेत्रों का ट्राइजंक्शन है सीईएससी कारखाना का इलाका

सीईएससी का कारखाना जिस इलाके में पड़ता है, वह 3 थाना क्षेत्रों का ट्राइजंक्शन है. नॉर्थ पोर्ट थाना, चितपुर थाना और काशीपुर थाना के दायरे में यह इलाका है. इसलिए हर थाने की पुलिस फिल्मी अंदाज में यह कहकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लेती है कि केस उनके इलाके का नहीं है.

नॉर्थ पोर्ट थाना के प्रभारी बोले- हम अक्सर करते हैं रेड

नॉर्थ पोर्ट थाना के प्रभारी का कहना है कि वे अक्सर रेड करते हैं. उनके इलाके में गंगा का क्षेत्र आता है, जहां पोर्ट थाना पूरी मुस्तैदी से काम करती है. इलाका चूंकि चितपुर और काशीपुर थाना की सीमा से सटा है, इसका फायदा चोर उठाते हैं. नॉर्थ पोर्ट थाना के कमांड इलाके में इनकी गतिविधि नहीं है.

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गंगा के रास्ते चोरी का माल पार करता है गिरोह.

3 थाना की सीमा होने की वजह से नहीं होती कार्रवाई

कारखाने के अंदर और बाहर होने वाली असामाजिक गतिविधियों से स्थानीय लोग परेशान हैं. पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों से लिखित शिकायत कर चुके हैं. आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों का कहना है कि सीईएससी का कारखाना काशीपुर थाना इलाके में है. चोरी का माल टपाने के लिए नाव का इस्तेमाल किया जाता है. गंगा नॉर्थ पोर्ट थाना इलाके में आता है. चोरी का माल चितपुर थाना क्षेत्र के सर्वमंगला घाट पर नाव से अनलोड करके वैन पर अपलोड किया जाता है.

कुछ भी कहने से बच रहे पुलिस अधिकारी

ऐसे में चितपुर के थाना प्रभारी कांतिमय विश्वास, काशीपुर के ओसी कल्याण कुमार भंज आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बचते हैं. उनका कहना है कि बड़े अधिकारियों से बात करें. बड़े अधिकारी भी इस मामले में कुछ बोलने से परहेज करते हैं. सीईएससी लिमिटेड के अधिकारी भी इस विषय पर मुंह खोलने को तैयार नहीं.

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