Kolkata Doctor Murder Case, मुकेश तिवारी: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं अब संदीप घोष के करीबियों पर भी गाज गिरनी शुरू हो गई है. दरअसल, ममता बनर्जी की सरकार ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदिप घोष के कथित करीबी बिरुपाक्ष बिस्वास को सस्पेंड कर दिया है.
स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें भी किया सस्पेंड
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने बर्धमान मेडिकल कॉलेज के रेडियो डायग्नोसिस डिपार्टमेंट के डॉ अभीक डे को भी सस्पेंड कर दिया है. बताया जा रहा है कि बिरुपाक्ष बिस्वास पर छात्रों को धमकाने का भी आरोप है. इसके बाद यह कार्रवाई की गई. इससे पहले बिरुपाक्ष बिस्वास को बर्धमान मेडिकल कॉलेज से ट्रांसफर कर काकद्वीप सब डिविजिनल अस्पताल भेज दिया गया था. लेकिन आज उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि दोनों 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में मौजूद थे. वहीं आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को सीबीआई ने वित्तीय गड़बड़ी के मामले में पहले ही गिरफ्तार कर लिया है.
लोगों ने डॉ बिरुपाक्ष बिस्वास का काकद्वीप अस्पताल में ट्रांसफर का किया है विरोध
लोगों ने गुरुवार को पूरे दिन काकद्वीप अस्पताल के बाहर तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया और डॉ. बिरुपाक्ष बिस्वास का काकद्वीप अस्पताल में स्थानांतरण वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने शाम पांच बजे से कुछ घंटो तक अस्पताल अधीक्षक कृष्णेंदु रॉय का भी घेराव किया. लेकिन शाम को स्वास्थ्य भवन ने आरजी कर घटना के संदर्भ में डॉ बिरुपाक्ष बिस्वास को निलंबित करने का आदेश दिया, बर्धमान मेडिकल के पैथोलॉजी विभाग के एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ बिरुपाक्ष बिस्वास के वायरल हुए ’धमकी’ भरे ऑडियो के आने के बाद वह चर्चा में आ गए थे.
आरोप है कि 9 अगस्त को सेमिनार हॉल थे मौजूद
सुनने में आया है कि बिरुपाक्ष बिस्वास 9 अगस्त की सुबह, यानी जिस दिन युवा डॉक्टर का शव बरामद हुआ था, आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सेमिनार हॉल में मौजूद थे. इसके बाद उनके खिलाफ एक के बाद एक सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं. यह बात भी सामने आई है कि बर्धमान मेडिकल कॉलेज में उनकी ‘धमकाने’, की संस्कृति’ पहले से चल रही थी. एक के बाद एक विवादों में घिरे बिरुपाक्ष बिश्वास के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कार्रवाई की. उन्हें काकद्वीप अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों द्वारा संदीप के करीबी डॉक्टर को अस्पताल में काम पर आने से रोक दिया गया. गुरुवार को पूरे दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इन सबके परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य भवन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की और बिरुपाक्ष बिस्वास को निलंबित करने का निर्णय लिया.
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