West Bengal : पश्चिम बंगाल सरकार व राजभवन के बीच चल रहे रस्साकसी के बीच राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राज्य में केंद्रीय निधि के प्रयोग के बारे में जानकारी मांगी है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उनकी सरकार से एक रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने को कहा है कि विभिन्न योजनाओं के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य को आवंटित 1.17 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि का किस प्रकार उपयोग किया गया.
डॉ सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र
राजभवन के उच्चपदस्थ सूत्र ने यह जानकारी दी.डॉ सीवी आनंद बोस ने यह पत्र तब लिखा, जब उन्हें बताया गया कि राज्य सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की कई रिपोर्ट विधानसभा में नहीं रखी हैं, जो संवैधानिक दायित्व का उल्लंघन है. सूत्र ने पत्र के हवाले से बताया, ‘पश्चिम बंगाल सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 में 1.17 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि आवंटित की गयी. उन निधियों के घोर दुरुपयोग के आरोप हैं.
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राज्य पर निधियों के घोर दुरुपयोग के आरोप
पश्चिम बंगाल की राजकोषीय स्थिति कई राजकोषीय जोखिमों और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के मुद्दों का सामना कर रही है.’अपने पत्र में डॉ बोस ने राजकोषीय घाटा जैसे कुछ मुद्दों पर भी प्रकाश डाला, जो 2018-19 में लगभग 33,500 करोड़ रुपये से 2022-23 में बढ़कर लगभग 49,000 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इस अवधि के दौरान जीएसडीपी-ऋण अनुपात 35.69 प्रतिशत से बढ़कर 37 प्रतिशत से अधिक हो गया. डॉ बोस ने यह भी कहा कि सार्वजनिक ऋण प्राप्तियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य सरकार द्वारा 2021-22 से 2022-23 तक ऋण चुकाने के लिए उपयोग किया गया था.
क्या है मामला
पत्र में कहा गया कि पश्चिम बंगाल सरकार को लगातार वित्त आयोग के आवंटन से भी काफी लाभ हुआ है. पंद्रहवें वित्त आयोग के आवंटन के अनुसार, राज्य सरकार को 2021-22 से 2024-25 तक 40,115 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान प्राप्त करने की सिफारिश की गयी है. यह अनुदान राज्यों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित कुल राजस्व घाटा अनुदान का 13.62 प्रतिशत है.सूत्र ने कहा, ‘2023-24 में पश्चिम बंगाल के कुल 2.13 लाख करोड़ रुपये के राजस्व में से अकेले केंद्रीय अंतरण 1.17 लाख करोड़ रुपये था, जो राज्य के कुल राजस्व का लगभग 55 प्रतिशत था.
कैग रिपोर्ट विधानसभा में की जा सके पेश
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार पर कैग की छह ऑडिट रिपोर्ट भी अभी तक विधानसभा में पेश नहीं की गयी हैं.पत्र में बोस ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 151 के प्रावधान का हवाला दिया, जिसके तहत राज्य के खातों से संबंधित कैग की ऑडिट रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी जायेगी, जो उन्हें विधानसभा के समक्ष रखवायेंगे. बोस ने कहा है कि नियम में यह भी सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकार को कार्रवाई शुरू करने की जरूरत है, ताकि कैग रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जा सके.
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