West Bengal : कोलकाता के नारकेलडांगा में पिछले दिनों दो गुटों के बीच हुए विवाद में पूजा स्थलों सहित निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है. अब इस घटना को लेकर एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने राज्यपाल को एक पत्र लिखा है और घटना में हस्तक्षेप करने की मांग की है. पत्र में, उन्होंने घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, मुझे विश्वास नहीं हुआ कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मेरे पास आये और बढ़ती स्थिति को संभालने के बजाय मेरे साथ दुर्व्यवहार करने लगे.
पुलिस ने स्थानीय लोगों पर किया लाठीचार्ज
जब मैंने शांति और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे के बारे में अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो वे टकराव पर उतर आये. प्रभावित निवासियों की शिकायतों को सुनने के बजाय, उन्होंने मेरे आस-पास के लोगों पर लाठीचार्ज करना शुरु कर दिया, जो न्याय और समर्थन की तलाश में एकत्र हुए थे. अधिकारियों का व्यवहार निराशाजनक और अप्रत्याशित था. एनसीडब्ल्यू सदस्य ने कहा कि जब वह हिंसा के बारे में पूछताछ करने के लिए इलाके में गईं , तो पुलिस ने स्थानीय लोगों पर आंसू गैस और लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया.
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राज्यपाल से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील
जब मैंने स्थिति के बारे में पूछताछ की, तो निवासियों ने मुझे बताया कि क्षेत्रीय वर्चस्व की आड़ में, पुलिस ने उन पीड़ितों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया था, जिनके मंदिरों को अपवित्र किया गया था और घरों में तोड़फोड़ की गई थी. डर और हताशा के कारण इकट्ठा हुई महिलाओं और अन्य निवासियों को सुरक्षा के बजाय शत्रुता का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा. उन्होंने राज्यपाल से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है.
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