West Bengal SSC Scam|पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में हुई नियुक्तियों में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी समेत 54 आरोपियों के खिलाफ गुरुवार को अदालत में आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी. विचार भवन स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में मामले से जुड़े सभी लोग मौजूद थे. ईडी ने इस दौरान कोर्ट में विस्फोटक आरोप लगाए. कहा कि मामले की जांच में अर्पिता मुखर्जी के 2 फ्लैट से बरामद करीब 50 करोड़ रुपए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के ही थे. वह फ्लैट का इस्तेमाल करते थे.
अर्पिता मुखर्जी ने माना- फ्लैट्स से बरामद रुपए पार्थ चटर्जी के
ईडी के अनुसार, पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने इसे स्वीकार कर लिया है. ईडी के वकील ने कोर्ट में आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री रहते हुए पार्थ चटर्जी नियुक्ति घोटाले में सीधे तौर पर शामिल ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के मामले के ‘मास्टरमाइंड’ भी थे. इतना ही नहीं, फर्जी यानी शेल कंपनियां खोलकर भ्रष्टाचार की रकम दूसरी जगह भी ट्रांसफर की गई. इसके लिए लीप्स एंड बाउंड्स नामक निजी कंपनी के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया. कंपनी में भी करीब 10 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए.
माणिक भट्टाचार्य ने पद का दुरुपयोग किया – ईडी
इधर, मामले के एक अन्य आरोपी और वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व चेयरमैन और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को लेकर ईडी ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया. कुंतल और अन्य आरोपियों ने अयोग्य अभ्यर्थियों से रुपए एकत्रित किये. 22 जुलाई, 2022 को पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के कोलकाता के नाकतला स्थित उनके आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी. उसी दिन उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के फ्लैटों में दबिश दी गयी.
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टॉलीगंज और बेलघरिया के फ्लैट में मिले थे 49.8 करोड़ रुपए नकद
टॉलीगंज और बेलघरिया आवास में तलाशी लेकर करीब 49.8 करोड़ रुपए नकद और 5 करोड़ रुपए से भी ज्यादा मूल्य के गहने जब्त किये गये. ईडी की जांच में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के नाम से बीरभूम और अन्य जगहों पर बेनामी अचल संपत्तियों का भी पता चला. पार्थ चटर्जी की ओर से पहले ही दावा किया गया है कि अर्पिता मुखर्जी के आवास से मिले रुपए उनके नहीं हैं.
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स्कूलों में नियुक्ति घोटाले के दस्तावेज ईडी ने कोर्ट में जमा किए
चार्ज गठन की प्रक्रिया शुरू होने के ठीक एक दिन पहले ही यानी गत बुधवार को ईडी की ओर से स्कूलों में नियुक्तियों में हुए घोटाले की जांच से संबंधित दस्तावेज स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में जमा कर दिये गये थे. गुरुवार को चार्ज गठन की प्रक्रिया शुरू होने के पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने आरोपियों से जुड़े तथ्य पेश किये. इसी दिन, पार्थ चटर्जी ने अर्जी लगाई कि उन्हें इस मामले से बरी कर दिया जाए.
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