जनहित याचिका पर सुनवाई. चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने राज्य सरकार काे दिया तीन अक्तूबर तक का समय
संवाददाता, कोलकाताराज्य में पिछले कुछ दिनों तक हुई लगातार भारी बारिश व उसके बाद डीवीसी द्वारा छोड़े गये पानी की वजह से दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. इस वजह से दक्षिण बंगाल के 10 जिलों के लगभग 50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. इस घटना को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. कलकत्ता हाइकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि तीन जिलों में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए क्या कदम उठाये हैं. गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति विभाष पटनायक की खंडपीठ ने कहा कि राज्य को तीन अक्तूबर को यह बताना होगा कि पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा में बाढ़ पीड़ितों के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. गौरतलब है कि भारतीय आदिवासी पार्टी की ओर से सुशांत जाना ने हाइकोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने अपने आवेदन में कहा था कि प्रत्येक वर्ष बारिश के बाद आने वाली बाढ़ की वजह से उनका जनजीवन प्रभावित होता है. ऐसे में उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है, क्योंकि बाढ़ आने के बाद प्रत्येक वर्ष उनकी संपत्ति नष्ट हो जाती है. हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई अब तीन अक्तूबर को होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है