अब तक क्यों नहीं हुआ हावड़ा निगम का चुनाव?
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस बारे में राज्य सरकार को आठ सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने पूछा कि चुनाव नहीं होने के पीछे आखिर क्या वजह है?
कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
आठ सप्ताह के अंदर जवाब देने का आदेशवर्ष 2013 में अंतिम बार हुआ था हावड़ा नगर निगम का चुनावसंवाददाता, कोलकाताहावड़ा नगर निगम का चुनाव अब तक क्यों नहीं हुआ? गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस बारे में राज्य सरकार को आठ सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने पूछा कि चुनाव नहीं होने के पीछे आखिर क्या वजह है? मालूम रहे कि मौसमी राय नामक एक याचिकाकर्ता ने निगम चुनाव को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. पिछले दिनों भी इस मामले की सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने चुनाव समय पर कराने का आदेश दिया था. बता दें कि हावड़ा नगर निगम में अंतिम बार निगम का चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था. दो साल बाद वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने बाली नगरपालिका का हावड़ा नगर निगम में विलय कर दिया, जिससे वार्डों की संख्या 50 से बढ़ कर 66 हो गयी. वर्ष 2018 के दिसंबर में बोर्ड की मियाद खत्म हुई. कयास लगाये जा रहे थे कि चुनाव जल्द कराये जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वर्ष 2021 में राज्य विधानसभा चुनाव के पहले राज्य सरकार ने बाली नगरपालिका को हावड़ा नगर निगम से अलग करने का फैसला लिया. चुनाव जीतने के बाद विधानसभा में इसे लेकर बिल भी पारित कर दिया गया, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बिल पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. राज्यपाल ने सरकार से पूछा था कि बाली नगरपालिका को जोड़ने और अलग करने के पीछे क्या वजह थी. इस सवाल का सटीक जवाब नहीं मिलने पर राज्यपाल ने बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया और निगम चुनाव टलते चला गया. इस बीच वर्ष 2022 में नये राज्यपाल ने संबंधित बिल पर हस्ताक्षर कर दिया. बावजूद इसके हावड़ा नगर निगम का चुनाव अभी तक अधर में लटका हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है