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निर्देश के बाद भी 22 परिवहनकर्मियों को नौकरी नहीं, कोर्ट ने एमडी से मांगा जवाब

अदालत के निर्देश के बावजूद उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम ने 22 कर्मचारियों को नौकरी नहीं देने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश विभाष पट्टनायक की खंडपीठ ने कहा कि निगम के एमडी को कारण बताने के लिए सशरीर अदालत में तलब किया जायेगा. उन्हें यह बताना होगा कि अदालत के निर्देश के बाद भी इन कर्मचारियों की नियुक्ति क्यों नहीं की गयी. प्रधान न्यायाधीश ने निगम को इंगित कर कहा कि आपलोगों का आचरण बहुत ही खराब है.

कोलकाता.

अदालत के निर्देश के बावजूद उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम ने 22 कर्मचारियों को नौकरी नहीं देने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश विभाष पट्टनायक की खंडपीठ ने कहा कि निगम के एमडी को कारण बताने के लिए सशरीर अदालत में तलब किया जायेगा. उन्हें यह बताना होगा कि अदालत के निर्देश के बाद भी इन कर्मचारियों की नियुक्ति क्यों नहीं की गयी. प्रधान न्यायाधीश ने निगम को इंगित कर कहा कि आपलोगों का आचरण बहुत ही खराब है.

अब आपलोगों को जेल भेजेंगे. इससे पहले इस मामले में राज्य के एजी खुद मौजूद रहे. अदालत ने कहा कि इतने दिनों के बाद यह कहा जा रहा है कि नौ लोगों ने ही दस्तावेज दिया है. निगम की ओर से बताया कि कई लोगों की उम्र 60 पार कर गयी है. कई ने अभी तक दस्तावेज जमा नहीं किया है. डोमिसाइल प्रमाण पत्र की जरूरत है.

इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अब वे लोग क्या दस्तावेज देंगे. यह गैर जरूरी है. निर्देश की अवहेलना करने का यह महज बहाना है. एमडी इस निर्देश का पालन नहीं करना चाह रहे हैं, इससे स्पष्ट है.

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