संवाददाता, कोलकाता
रविवार को अलीपुर चिड़ियाघर में पकड़कर लायी बाघिन जीनत इस समय पूरी तरह से स्वस्थ है. वह अपने पिंजरे में घूम-फिर रही है. वह पूरी तरह से होश में है. चिड़ियाखाना के अधिकारी ने बताया कि सोमवार को उसे ओआरएस का घोल दिया गया था. खाने में चिकन दिया गया था. लेकिन वह चिकन नहीं खायी. उसकी निगरानी ओडिशा के चिड़ियाघर अस्पताल के डॉक्टर व अलीपुर चिड़ियाघर के डॉक्टर संयुक्त रूप से कर रहे हैं. डॉक्टरों ने बताया कि कोई बाघ यदि खुद से शिकार करता है, तो वह दो दिनों तक भोजन नहीं करता. शिकार करने की वजह से जीनत ने चिकन खाने से इंकार कर दिया. उसका पेट भरा हुआ है. डॉक्टरों ने बताया कि उसकी कोई चिकित्सा नहीं चल रही है. वह आराम से घूम-फिर रही है. उसे जहां रखा गया है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. अगले 24 घंटे तक उसकी निगरानी की जायेगी. मंगलवार को उसे ओड़िशा वापस लौटाने पर फैसला लिया जायेगा. उसे पिंजरे से बाहर नहीं निकाला गया है. सबकुछ ठीक रहा तो उसी पिंजरे में उसे ओडिशा ले जाया जायेगा. महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी बाघ संरकक्षालय में जीनत का जन्म हुआ था. बाद में उसे ओडिशा के सिमलिपाल जंगल में भेज दिया गया था. फिलहाल वह वहीं की वाशिंदा है. कुछ दिन पहले वह वहां से भटक कर बंगाल चली आयी थी. उसे काबू में करने के लिए वन विभाग ने काफी पसीना बहाया. बांकुड़ा में उसे पकड़ने में सफलता मिली. वन मंत्री बीरवाहा हांसदा ने बताया कि जीनत को ओडिशा भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसे लेकर ओडिशा सरकार को इसी बीच एक पत्र भेजा गया है.
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