पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष (kunal Ghosh) अपने दोनों ही पदों पर नहीं बने रहना चाहते हैं. उन्होंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को दे दी है. सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे को लेकर पार्टी नेतृत्व ने श्री घोष से बात की है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर घोष को तृणमूल के दो महत्वपूर्ण पदों हटने के आवेदन को स्वीकार करने को लेकर कोई घोषणा नहीं की गयी है. श्री घोष ने इस फैसले के एक दिन पहले ही यह कहा था कि वह फिलहाल एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता के हिसाब से रहना चाहते हैं.
वरिष्ठ नेताओं की भूमिका काे लेकर तृणमूल में अंतर्कलह जारी
बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से घोष अपनी ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं की तृणमूल में भूमिका को लेकर आक्रामक तौर पर मुखर रहे हैं. राजनीति के पंडितों का कहना है कि तृणमूल खेमे में प्रवीण और युवा नेताओं के बीच अंतर्कलह कहीं घोष के फैसले का कारण हो सकता है.
कुणाल ने एक्स हैंडल से अपनी राजनीतिक पहचान हटाई
तृणमूल के राज्य महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली. कुणाल ने एक्स हैंडल से अपनी राजनीतिक पहचान हटा दी है. फिलहाल वहां उनकी पहचान ‘पत्रकार’ और ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ ही है. तृणमूल राज्य महासचिव ने अपनी राजनीतिक पहचान मिटाने से पहले अपने एक्स हैंडल पर एक विस्फोटक पोस्ट किया.
कल रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में कुणाल ने लिखा, “नेता अक्षम, गुटबाजी, स्वार्थी है. ऐसा बार-बार नहीं हो सकता कि वह पूरे साल धांधली करेगी और व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए दीदी (ममता बनर्जी), अभिषेक और कार्यकर्ताओं की तृणमूल के प्रति भावनाओं के आधार पर जीत हासिल करेगी. कुणाल ने अपने पोस्ट में टीम को टैग किया. लेकिन यह पोस्ट किसके लिए है? तृणमूल के राज्य महासचिव ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस पर इतना जोरदार हमला किया गया.
उत्तर कोलकाता के एक प्रभावशाली तृणमूल नेता पर भड़के कुणाल घोष
सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल के प्रदेश महासचिव का गुस्सा उत्तर कोलकाता के एक प्रभावशाली तृणमूल नेता के खिलाफ है. सुनने में आ रहा है कि कुणाल घोष काफी समय से उनसे खफा चल रहे हैं. नेता ने गुरुवार को उत्तर कोलकाता में बैठक की. कुणालबाबू वहां मौजूद नहीं थे. हालांकि तृणमूल राज्य महासचिव ने अपने पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया.सत्ताधारी पार्टी के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक और पार्टी के शीर्ष स्तर के नेता की इस पोस्ट से अटकलें लगना स्वाभाविक है. कुणाल की राजनीतिक पहचान एक्स हैंडल से गायब होते ही यह अटकलें तेज हो गईं. इससे पहले कुणाल एक्स हैंडल पर खुद को तृणमूल प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव बताते थे. इस बार उसे हटाते हुए तृणमूल प्रवक्ता ने खुद को सिर्फ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताया. स्वाभाविक तौर पर राजनीतिक गलियारों में अटकलें शुरू हो गई हैं.