WB News : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के विभिन्न इलाकों में चल रहे अवैध निर्माण (illegal construction) को लेकर कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार कर रहा है. कोलकाता पुलिस अधीन प्रत्येक थानों के प्रभारी से उनके इलाके में अवैध निर्माण की जानकारी देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है. लालबाजार सूत्रों के अनुसार, डेटाबेस के जरिये कोलकाता पुलिस इसका हिसाब रखेगी कि शहर में कितने अवैध घर बने हैं और बनाये जा रहे हैं. उसके आधार पर पुलिस निगम से सलाह-मश्वरा कर उक्त प्रमोटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी. वहीं, अवैध निर्माण रोकने के लिए गुरुवार को शहर में प्रत्येक डिविजन के डीसी रैंक के अधिकारियों ने विभागीय थाना प्रभारी, अन्य अधिकारियों एवं संबंधित विभाग के बोरो अधिकारियों के साथ बैठक की.
डेटाबेस में क्या-क्या होगा
थाने से जांच अधिकारी यह देखेंगे कि उनके इलाकों में इमारतों का निर्माण वैध है या अवैध. अवैध होने की जानकारी होने पर उक्त मकान का पता, उसके मालिक या प्रमोटर की पहचान, मामले में केस दर्ज हुआ है या नहीं, ऐसी तमाम जानकारी निर्धारित ऐप या सॉफ्टवेयर में अपलोड करनी होगी. निर्माणाधीन मकान की अलग-अलग एंगल से कई तस्वीरें भी डालनी होगी. जानकारी अपलोड होते ही लालबाजार के अधिकारी उसे देख सकेंगे और उसके बाद आगे कदम उठाया जायेगा. इस मामले में कोलकाता नगर निगम की भी मदद ली जायेगी.
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लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी नपेंगे
सूत्रों का कहना है कि लालबाजार के पास यदि किसी अवैध निर्माण की सूचना मिलती है, तो जांच की जायेगी कि उसकी जानकारी अपलोड की गयी है या नहीं. पता चला कि संबंधित थाने ने वह जानकारी नहीं दी है, तो तुरंत उस थाने के ओसी को लालबाजार बुला पूछताछ की जायेगी. अगर थाने का कोई भी पुलिसकर्मी या अधिकारी लापरवाही बरतता पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. लालबाजार के अधिकारियों का कहना है कि अगर थाने की तरफ से उनके इलाकों में होनेवाले अवैध निर्माण की जानकारी छिपायी गयी, तो कोलकाता पुलिस की वेबसाइट पर लोगों से इसकी जानकारी मांगने के लिए अलग कॉलम बनाया जायेगा. इसके जरिये शहर के लोग पुलिस को अवैध निर्माण की सूचना दे सकेंगे.
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